सरकार की बढ़ेगी कमाई! कच्चे तेल के एक्सपोर्ट पर विंडफॉल गेन टैक्स घटाया, ऑयल कंपनियों को मिलेगी राहत
घरेलू कच्चे तेल के एक्सपोर्ट पर विंडफॉल गेन टैक्स 4900 रुपए प्रति टन है. सरकार के फैसले के बाद डीजल एक्सपोर्ट पर अतिरिक्त ड्यूटी में कमी आएगी. यह प्रति लीटर 9 रुपए से घटकर 6.50 रुपए हो जाएगी.
सरकार ने ऑयल कंपनियों के लिए राहत भरा ऐलान किया है. क्योंकि सरकार ने कच्चे तेल के एक्सपोर्ट पर लगने वाले विंडफॉल गेन टैक्स को घटाने का ऐलान किया है. इसे तेल कंपनियों के लिहाज से बढ़ी राहत माना जा रहा है. नतीजतन, विंडफॉल गेन टैक्स घटने से कंपनियां एक्सपोर्ट बढ़ा सकती हैं और प्रॉफिट मार्जिन भी बढ़ेगी. इससे सरकार के खजाने में भी ज्यादा रकम आएगी. कंपनियां जितना ज्यादा एक्सपोर्ट करेंगी सरकार को उतना ज्यादा टैक्स मिलेगा.
अतिरिक्त ड्यूटी में आएगी कमी
घरेलू कच्चे तेल के एक्सपोर्ट पर विंडफॉल गेन टैक्स 4900 रुपए प्रति टन है. सरकार के फैसले के बाद डीजल एक्सपोर्ट पर अतिरिक्त ड्यूटी में कमी आएगी. यह प्रति लीटर 9 रुपए से घटकर 6.50 रुपए हो जाएगी. सरकारी फैसले के बाद डीजल पर कुल ड्यूटी अब 8 रुपए होगी. इसमें 6.50 रुपए स्पेशल एडिशनल एक्सपोर्ट ड्यूटी और 1.50 रुपए रोड इंफ्रा सेस शामिल होगा.
विंडफॉल टैक्स क्या होता है?
यह ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाया जाता है, जिन्हें किसी खास तरह के हालात से तुरंत फायदा होता है. उदाहरण के तौर पर यूक्रेन और रूस यूद्ध के बाद इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत में काफी तेजी आई. नतीजतन, ऑयल कंपनियों को जबरदस्त फायदा मिला. मार्च तिमाही में क्रूड का भाव 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई. यह 14 साल का उच्चतम स्तर था.
कीमतों में उछाल से ONGC जैसी कंपनियों का मुनाफा मार्च तिमाही में कई गुना बढ़ा. इसके बाद FM निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार इस बात से खुश है कि एक्सपोर्ट बढ़ रहा है. साथ ही इससे कंपनियों को मुनाफा हो रहा है. आगे उन्होंने कहा था कि अपने नागरिकों की भलाई के लिए हमें इस प्रॉफिट में कुछ हिस्सा चाहिए.
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कब लागू किया गया था विंडफॉल टैक्स?
सरकार ने 1 जुलाई, 2022 को पेट्रोलियम उत्पादों पर विंडफॉल टैक्स लगाने की घोषणा की थी. उस समय पेट्रोल (Petrol) के साथ डीजल और एटीएफ पर यह टैक्स लगाया गया था. बाद की समीक्षा में इसके दायरे से Petrol को बाहर कर दिया गया.