करदाताओं को राहत देते हुए मोदी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. लंबित पड़े टैक्स मामलों को खत्म करने और टैक्सपेयर्स के झंझटों को खत्म करने के लिए सरकार ने 'विवाद से विश्वास' (Vivad se Vishwas) योजना शुरू करने का ऐलान किया है. इस योजना की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को बजट 2020 पेश करते हुए की थी. इस योजना का फायदा 31 मार्च तक उठाया जा सकता है. इस योजना में मामलों को निपटाने में कारोबारियों को केवल मूल टैक्स ही देना होगा. उस टैक्स पर लगने वाले ब्याज और जुर्माने को अदा नहीं करना होगा.

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वित्त मंत्री (Finance Minister) ने कहा कि मुकदमेबाजी में फंसे प्रत्यक्ष कर (Direct tax) के 4.83 लाख मामलों के बीच सरकार ने कर विवादों के समाधान के लिए एक नई योजना 'विवाद से विश्वास' (Vivad se Vishwas)का प्रस्ताव किया है. इस योजना के तहत करदाता 31 मार्च तक टैक्स का भुगतान कर ब्याज एवं जुर्माने से पूरी तरह छूट प्राप्त कर सकते हैं. 

वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि वर्तमान में विभिन्न कोर्ट में प्रत्यक्ष कर (direct tax cases) से जुड़े 4.83 लाख मामले लंबित हैं. ये मामले आयुक्त (अपील), आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी), उच्च न्यायालय और शीर्ष न्यायालय में चल रहे हैं. वित्त मामलों की स्टेंडिंग कमेटी के मुताबित, इन मामलों में 5,02,157 करोड़ रुपये कॉरपोरेट टैक्स मामले, 4,94,671 रुपये के इनकम टैक्स मामले कोर्ट में चल रहे हैं. इस तरह इन मामलों में कुल 9,96,829 रुपये की रकम फंसी हुई है.

31 मार्च तक उठाएं फायदा

प्रस्तावित योजना के तहत, एक करदाता को सिर्फ विवादित टैक्स की मूल राशि का भुगतान करने की जरूरत होगी तथा उन्हें ब्याज और जुर्माने से पूरी तरह छूट मिलेगी. पर उन्हें 31 मार्च तक कर का भुगतान करना होगा.

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सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, "जो लोग इस योजना को 31 मार्च 2020 के बाद अपनाएंगे उन्हें कुछ अतिरिक्त रकम देनी होगी. यह योजना 30 जून 2020 तक खुली रहेगी.

बता दें कि पिछले बजट में सरकार ने अप्रत्यक्ष करों में मुकदमेबाजी को कम करने के लिए 'सबका विकास योजना' पेश की थी. इसके परिणामस्वरूप 1.89 लाख से ज्यादा से ज्यादा मामलों का निपटान किया गया और सरकार को 39,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि प्राप्त हुई थी.