Indian Economy: अमेरिका के वित्त मंत्रालय (US Ministry of Finance)ने शुक्रवार को संसद को सौंपी गई एक रिपोर्ट में कहा है कि कोविड-19 की तीन लहरों का सामना करने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) ने जोरदार वापसी की है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी अपनी छमाही रिपोर्ट में कहा कि भारत में महामारी (Covid-19) की दूसरी लहर ने 2021 के मध्य तक आर्थिक वृद्धि पर बहुत ज्यादा असर डाला था जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लौटने में देरी हुई. 

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कोविड-रोधी वैक्सीनेशन कोशिशों की हुई प्रशंसा

खबर के मुताबिक, भारत के कोविड-रोधी वैक्सीनेशन कोशिशों की प्रशंसा करते हुए मंत्रालय ने कहा कि हालांकि,वर्ष की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों ने जोरदार वापसी की और भारत के टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी आई. अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने कहा कि वर्ष 2021 के आखिर तक, भारत की लगभग 44 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण पूरा हो चुका था.मंत्रालय ने कहा कि 2020 में भारत की विकास दर सात प्रतिशत थी.

कैसे अर्थव्यवस्था ने मजबूती से किया सामना

साल 2021 की दूसरी तिमाही में विकास दर (Indian Economy )महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गई और 2021 में पूरे साल विकास दर आठ प्रतिशत रही. साल 2022 की शुरुआत में कोरोनावायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के चलते भारत को कोविड-19 की तीसरी लहर का भी सामना करना पड़ा था लेकिन इस दौरान मरने वालों की संख्या और आर्थिक गिरावट सीमित ही रही. मंत्रालय (US Ministry of Finance) ने कहा कि भारत सरकार ने 2021 में महामारी को देखते हुए उसके दुष्प्रभावों से बचाने के लिए अर्थव्यवस्था को वित्तीय सहायता प्रदान करना जारी रखा. 

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असाधारण उपायों पर धीरे-धीरे अमल होना शुरू हुआ

अधिकारियों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022 में कुल राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 6.9 प्रतिशत तक हो गया, जो कि महामारी से पहले के राजकोषीय घाटे से ज्यादा है. मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक ने मई 2020 से अपनी प्रमुख नीतिगत दरों को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा, लेकिन जनवरी 2021 में इसने कोविड-19 महामारी के शुरुआती दौर में विकास (Indian Economy) के लिये तैयार किए गए असाधारण उपायों पर धीरे-धीरे अमल करना शुरू किया.