उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में 25 प्रतिशत सरकारी खरीद राज्य के सूक्ष्म, लघु एवं मंझोले उद्योगों (एमएसएमई) से खरीदना अनिवार्य कर दिया है. ऐसा निर्णय लेने वाला उत्तर प्रदेश सम्भवत: देश का पहला राज्य बन गया है. राज्य सरकार के प्रवक्ता एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्रय नीति लाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. 

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उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के दिशानिर्देशों के मुताबिक पहले शासकीय खरीद में 20 प्रतिशत खरीद एमएसएमई से करनी होती थी. अब उसने इसे बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया है, मगर वह खरीद किसी भी राज्य से की जा सकती थी, मगर हमने यह बाध्यकारी बनाया है कि उत्तर प्रदेश में जो भी सरकारी खरीद होगी उसका 25 प्रतिशत हिस्सा इसी राज्य की एमएसएमई से खरीदना होगा. साथ ही 15 प्रतिशत 'मूल्य वरीयता' भी देनी होगी.

सिंह ने बताया कि अगर कहीं एमएसएमई उतना सामान आपूर्ति करने में सक्षम नहीं हैं तो इस नीति के तहत भारत की किसी भी एमएसएमई से खरीद की जा सकेगी, लेकिन उसमें भी पहली प्राथमिकता उत्तर प्रदेश की इकाइयों को देनी होगी. महिलाओं द्वारा संचालित एमएसएमई को इस 25 फीसद वरीयता में तीन प्रतिशत और अनुसूचित जाति—जनजाति को चार प्रतिशत की तरजीह देंगे. साथ ही पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद बनाने वाली एमएसएमई इकाइयों को पांच प्रतिशत तरजीह दी जाएगी. पूरे देश में इस तरह की यह पहली बाध्यकारी नीति है.

सिंह ने बताया कि मंत्रिमंडल ने जिला अदालतों की सुरक्षा व्यवस्था के लिये जरूरी उपाय करने का जिम्मा आणविक ऊर्जा आयोग के अधीन संस्था इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन आफ इण्डिया लिमिटेड (ईसीआईएल) को सौंपने का भी निर्णय लिया है.

उन्होंने बताया कि ईसीआईएल ने संसद भवन समेत अनेक महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था की है. यह एजेंसी जिला न्यायालयों पर तीन तरह की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करेगी. सीसीटीवी, स्कैनर और गेट के बैगेज स्कैनर की व्यवस्था करेगी. वकीलों की बायोमेट्रिक एंट्रेंस सिस्टम के साथ— साथ कोर्ट रूम में आवश्यकतानुसार सीसीटीवी कैमरे लगाएगी. न्याय विभाग और गृह विभाग मिलकर न्यायालय के आदेश का पूरा पालन करेंगे.

सिंह ने बताया कि मंत्रिमण्डल की बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार सरकार ने इस बार 55 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य तय किया है. यह खरीद आगामी एक अप्रैल से 15 जून तक क्रय केन्द्रों पर की जाएगी. किसानों को 72 घंटे के अंदर उनके बैंक खाते में सीधा भुगतान किया जाएगा.

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उन्होंने बताया कि मंत्रिमण्डल ने रायबरेली स्थित डलमऊ में कार्तिक पूर्णिमा मेला, मथुरा में बरसाना का मेला और सीतापुर में होने वाली चौरासी कोसी परिक्रमा का प्रान्तीयकरण करने का फैसला भी लिया है. यानी सरकार इनका आयोजन करायेगी. पहले यह स्थानीय स्तर पर पंचायतों के माध्यम से होते थे.

सिंह ने बताया कि मंत्रिमण्डल ने लोकसेवा आयोग की नियमावली में संशोधन का फैसला भी किया है. इसके तहत आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को सातवें वेतनमान के हिसाब से तनख्वाह मिलेगी. पहले अध्यक्ष का वेतन 80 हजार रुपये था जो अब सवा दो लाख रुपये होगा और सदस्य का वेतन 64 हजार से बढ़कर एक लाख 82 हजार 200 रुपये होगा.