Union Budget 2025: केंद्र सरकार 2025 के बजट में प्राइवेट कर्मचारियों के लिए एक बड़ा ऐलान कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक, इस बार केंद्रीय बजट में प्राइवेट कर्मचारियों के लिए ₹7500 न्यूनतम पेंशन (Minimum Pension) का प्रस्ताव किया जा सकता है. अगर यह लागू होता है, तो यह कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है, क्योंकि मौजूदा वक्त में बहुत कम पेंशन मिलती है.

क्या है पेंशन बढ़ाने की मांग?

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हाल ही में, कर्मचारी संगठनों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) से मुलाकात की थी और उनकी प्रमुख मांगों में से एक थी न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर ₹7500 प्रति माह किया जाए. फिलहाल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत प्राइवेट कर्मचारियों को सिर्फ ₹1000 प्रति माह पेंशन मिलती है, जो 10 साल पहले, यानी 2014 में, ₹1000 निर्धारित की गई थी. इससे पहले, पेंशन की राशि कम थी, लेकिन उस बदलाव ने कर्मचारियों को थोड़ी राहत दी. अब समय आ गया है कि इस पेंशन को और बढ़ाकर कर्मचारियों को बेहतर वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जाए.

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क्या था पिछला बदलाव?

पिछली बार, 2014 में सरकार ने इस पेंशन को ₹1000 प्रति माह कर दिया था, जो 10 साल पहले की गई बढ़ोतरी थी. हालांकि, उस समय के बाद से महंगाई काफी बढ़ी है, और ₹1000 की पेंशन अब काफी नहीं है. इसीलिए, कर्मचारियों की मांग है कि अब पेंशन को ₹7500 प्रति माह किया जाए, ताकि वे रिटायरमेंट के बाद अपनी ज़िंदगी को आरामदायक बना सकें.

क्यों हो रही है यह मांग?

महंगाई और जीवन स्तर: पिछले कुछ सालों में महंगाई ने कई गुना वृद्धि की है. ₹1000 की पेंशन अब उतनी मददगार नहीं है. कर्मचारियों का कहना है कि ₹7500 की पेंशन कम से कम उन्हें रिटायरमेंट के बाद बुनियादी जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त होगी.

स्वास्थ्य देखभाल और अन्य खर्चे: रिटायरमेंट के बाद कई कर्मचारियों के पास स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं. ₹7500 की पेंशन से वे अपनी स्वास्थ्य देखभाल का खर्च उठा सकते हैं.

सामाजिक सुरक्षा: कर्मचारियों का कहना है कि सरकार को उनके सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए, खासकर तब जब वे अपनी उम्र के इस पड़ाव पर हों, जब काम करने की क्षमता घटने लगती है.

किसने वित्त मंत्री से मुलाकात की?

कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि, आल इंडिया ट्रेड यूनियन्स कांग्रेस (AITUC) और भारतीय श्रमिक महासंघ (BMS) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की. इन संगठनों ने अपनी मांगें पेश करते हुए पेंशन बढ़ाने की बात की और साथ ही सरकार से यह आग्रह भी किया कि कर्मचारियों के लिए अन्य सुविधाओं को भी बेहतर किया जाए.

इसमें क्या हो सकता है फायदा?

कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार: ₹7500 की पेंशन से रिटायरमेंट के बाद जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा.

कर्मचारी कल्याण में सुधार: कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद बेहतर और स्थिर जीवन जीने के लिए जरूरी मदद मिलेगी.

सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी: यह कदम सरकार द्वारा प्राइवेट कर्मचारियों के प्रति अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को निभाने का एक तरीका होगा.

अगर केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को बजट 2025 में शामिल करती है, तो यह प्राइवेट कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा. कर्मचारियों को लंबे समय से इस बढ़ोतरी का इंतजार था, और अब उनका मानना है कि सरकार उनकी जरूरतों को समझेगी और उनकी जीवन स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए काम करेगी. उम्मीद है कि वित्त मंत्री इसे बजट 2025 में शामिल कर सकती हैं.