Union Budget 2025-26: आगामी आम बजट 2025-26 की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है. वित्त मंत्रालय ने देश के सभी मंत्रालयों और विभागों से बजट के लिए सुझाव मांगे हैं. इस संबंध में आर्थिक कार्य विभाग के सचिव अजय सेठ ने सभी सचिवों को पत्र लिखा है, जिसमें चार अहम विषयों पर इनपुट देने की बात कही गई है.

बजट भाषण के लिए मांगे गए सुझाव

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मंत्रालयों और विभागों से वित्त मंत्री के बजट भाषण में शामिल किए जाने वाले सुझावों को चार मुख्य बिंदुओं पर केंद्रित किया गया है:

विशेष सेक्टर के लिए नीतियां और योजनाएं

ऐसे कार्यक्रम या योजनाओं के सुझाव जो किसी विशेष सेक्टर के विकास के लिए जरूरी हों और जिन्हें कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्री के भाषण में शामिल किया जा सके.

फ्लैगशिप कार्यक्रमों के सुझाव

मंत्रालयों या विभागों के ऐसे फ्लैगशिप प्रोग्राम, जो आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लागू किए जाने योग्य हों.

मौजूदा नीतियों और योजनाओं को बेहतर बनाने के सुझाव

मौजूदा योजनाओं की दक्षता और प्रभाव क्षमता बढ़ाने के लिए ऐसे सुझाव, जो निवेश और उत्पादकता को प्रोत्साहित करें.

ग्रोथ और रोजगार सृजन के उपाय

आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने, रोजगार सृजन, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने, ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने, एमएसएमई सेक्टर की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, और सामाजिक व लैंगिक समानता को सुनिश्चित करने के लिए सुझाव.

महत्वपूर्ण डेडलाइन

वित्त मंत्रालय ने सभी सचिवों से अनुरोध किया है कि वे अपने मंत्रालयों और विभागों से जुड़े सुझाव 22 नवंबर 2024 तक भेज दें। ये सुझाव बजट भाषण की संरचना और दिशा को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

आम बजट की प्राथमिकताएं

इस बार के आम बजट में मुख्य रूप से इन क्षेत्रों पर फोकस रहने की संभावना है:

  • ग्रोथ को बढ़ावा देने के उपाय
  • रोजगार सृजन के लिए नई योजनाएं
  • MSME और स्टार्टअप्स का प्रोत्साहन
  • सामाजिक और लैंगिक समानता पर विशेष ध्यान
  • डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना
  • ग्रामीण और कस्बाई अर्थव्यवस्था को मजबूती देना

क्या होगा बजट 2025-26 का फोकस?

हर साल की तरह इस बार भी वित्त मंत्रालय का उद्देश्य ऐसा बजट तैयार करना है, जो देश की आर्थिक वृद्धि को नई ऊंचाइयों तक ले जाए. साथ ही, ऐसे कार्यक्रम और योजनाओं पर फोकस किया जाएगा, जो सामाजिक और आर्थिक संतुलन को बनाए रखते हुए देश की जरूरतों को पूरा कर सकें.