Budget 2024, Enterainment, Media Sector PLI: अमेरिका में भारत केंद्रित एक शीर्ष व्यापार निकाय ने रविवार को कहा कि भारत सरकार को आगामी बजट में मीडिया और मनोरंजन उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पेश करनी चाहिए. व्यापार निकाय ने भारतीय और विदेशी कंपनियों के बीच समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाने की भी वकालत की है. यूएसआईबीसी ने वित्त मंत्रालय को दिए अपने ज्ञापन में सुझाव दिया कि शीघ्र निकासी सुनिश्चित करने के लिए कूरियर के माध्यम से भेजे जाने वाले शीघ्र नष्ट होने वाले सामान पर अंकुश हटा दिए जाएं, शीघ्र नष्ट होने वाले उत्पादों के कारोबार को समर्थन दिया जाए और परिचालन को आसान बनाने तथा प्रशासनिक बाधाओं को कम करने के लिए कूरियर भेजने के लिए एकल खिड़की प्रणाली को एकीकृत किया जाए. 

पूंजी प्रवाह में अड़चनों को कम करने के लिए उठाने चाहिए कदम

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अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) ने उपग्रह संचार उद्योग को उदार बनाने और भारतीय एवं विदेशी वित्तीय सेवा कंपनियों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने तथा दोनों देशों के बीच पूंजी प्रवाह में अड़चनों को कम करने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया. यूएसआईबीसी ने प्रक्रियाओं को सरल बनाने और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए पांच लाख रुपये से अधिक के कूरियर निर्यात पर कीमत अंकुश प्रतिबंधों को समाप्त करने का प्रस्ताव किया है. 

USIBC ने दिए सरकार को दिए ये तीन सुझाव  

यूएसआईबीसी ने कहा, “सबसे पहले, हम माल और सेवा कर (जीएसटी) के तहत रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) में प्रवासी कर्मचारियों को भुगतान पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के बारे में स्पष्टीकरण जारी करने का प्रस्ताव करते हैं. दूसरे, हमारा अनुरोध है कि संबंधित प्राधिकरण कर्मचारियों को चिकित्सा बीमा पर आईटीसी की पात्रता पर उचित स्पष्टीकरण जारी कर सकता है.” निकाय ने कहा, “तीसरा, हम एक कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों को अपनी विदेशी होल्डिंग कंपनी के माध्यम से प्रदान की गई कर्मचारी शेयर खरीद योजना (ईएसपीपी) / कर्मचारी शेयर विकल्प योजना (ईएसओपी) की कर देयता (जीएसटी) को स्पष्ट करने वाली एक उचित व्याख्या जारी करने का सुझाव देते हैं.” 

USIBC ने सैटेलाइट संचार उद्योग को उदार बनाने की दी सलाह

यूएसआईबीसी ने ईएसओपी और अन्य समान कर्मचारी लाभ योजनाओं के लिए स्रोत पर एकत्रित कर (टीसीएस) के माध्यम से छूट प्रदान करने की भी सिफारिश की है, जहां नियोक्ता के माध्यम से धन प्रेषण किया जाता है. दूरसंचार क्षेत्र के लिए, यूएसआईबीसी ने उपग्रह संचार उद्योग को उदार बनाने और भारत की भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली (इनसैट) के व्यावसायीकरण तथा अंतरिक्ष मंचों और बुनियादी ढांचे को सक्षम करने के लिए दीर्घकालिक बदलाव योजना विकसित करने का सुझाव दिया. 

यूएसआईबीसी ने भारत सरकार से मुक्त बाजार सिद्धांतों को कायम रखते हुए ऊर्जा क्षेत्र की सतत वृद्धि को बढ़ावा देने का भी आग्रह किया, जिससे निवेश आएगा और ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी.