बस चंद घंटों को इंतजार है, फिर देश का आम बजट पेश होगा. सबकी निगाहें वित्त मंत्री पर होंगी. क्योंकि, बजट स्पीच से ठीक 24 घंटे पहले वित्त मंत्री कुछ ऐसा इशारा कर गईं, जिसे दिनभर डिकोड करने में कई एक्सपर्ट्स भी माथा-पच्ची में लगे होंगे. लेकिन, समझने वाले तो इशारा समझ गए. वित्त मंत्री और सरकार की नजर शेयर बाजार पर है. जो इन दिनों कभी रिकॉर्ड हाई बनाता है तो कभी मुनाफे कमाने के लिए ट्रेडर्स इसे थोड़ा-थोड़ा गिराते भी नजर आते हैं. लेकिन, अगर वित्त मंत्री ने बजट के दिन एक ऐलान कर दिया तो शेयर बाजार में भूचाल (Stock Market Crash) आ सकता है. बाजार भरभराकर गिर सकता है. और गिरावट कितनी बड़ी होगी ये कहना मुश्किल लगता है.

कैपिटल गेन को लेकर कुछ पक रहा है

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23 जुलाई की सुबह बाजार के लिए काफी कुछ लेकर आएगी. बजट 2024 में शेयर बाजार पर असर डालने वाले कई फैसले संभव हैं. एक्‍सपर्ट को उम्‍मीद है कि कैपिटल गेन टैक्‍स (Capital Gain Tax) को लेकर सरकार बड़ा ऐलान कर सकती है. इसका इशारा इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) में मिला. आर्थिक सर्वेक्षण में शेयर बाजार में रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स और F&O ट्रेडर्स के नुकसान पर फोकस किया गया.

रिटेल इन्वेस्टर्स का जिक्र और सट्टेबाजी

इकोनॉमिक सर्वे 2024 में रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स का जिक्र किया गया. पिछले कुछ समय में बाजार में इनकी संख्‍या तेजी से बढ़ी है. लेकिन, शेयर बाजार अब सिर्फ ट्रेडिंग का जरिया नहीं रहा है, इसमें सट्टेबाजी की प्रवृत्ति बढ़ रही है. इससे निवेशकों को तगड़ा नुकसान हुआ है और हो रहा है. इकोनॉमिक सर्वे में सरकार की तरफ से इशारा दिया गया, जिससे शेयर बाजार अंदाजा लगा रहा है कि बजट में कुछ बड़ा होने वाला है.

तो भरभराकर गिर सकता है शेयर बाजार

इकोनॉमिक सर्वे के इशारा से पता चलता है कि सरकार रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स को नुकसान से बचाने के लिए कैपिटल गेन टैक्‍स (Capital Gain Tax) में इजाफा कर सकती है. लेकिन, अगर ऐसा हुआ तो शेयर बाजार में भारी गिरावट (Stock Market Crash) के संकेत हैं. एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि ये गिरावट आम चुनाव परिणाम 2024 के दिन यानी 4 जून को हुई गिरावट से भी बड़ी हो सकती है. वहीं, अगर कैपिटल गेन टैक्‍स कम होता है तो बाजार में अच्छी खासी तेजी आ सकती है. नया रिकॉर्ड हाई भी बन सकता है.

F&O पर सरकार की नजर

वित्त मंत्री की तरफ से एक और इशारा दिया गया है. ये इशारा F&O ट्रेडर्स को लेकर है. अगर इनके नुकसान को रोकने के लिए वित्त मंत्री ने कोई इशारा किया तो भी शेयर बाजार में भारी गिरावट (Stock Market Crash) आ सकती है. चर्चा है कि सरकार रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स और F&O ट्रेडर्स को नुकसान से बचाने के लिए हाई टैक्‍स का प्रस्ताव रख सकती है. इसके अलावा सालाना इनकम की लिमिट भी तय कर सकती है. RBI गर्वनर भी इशारा दे चुके हैं कि बैंकों में लिक्विड‍िटी कम हो रही है. इसकी एक वजह शेयर बाजार में बढ़ती मार्केट कैपिटल है.

सेविंग्स डिपॉजिट बचाने को लेकर भी हो सकता है ऐलान

बाजार में बढ़ती मार्केट कैपिटल और बैंकों में कम होती लिक्विडिटी का असर ये है कि लोग अपना ज्यादा पैसा शेयर बाजार में लगा रहे हैं. इन्‍वेस्‍टर्स का रुझान Fixed Deposit और दूसरे सेविंग इंस्ट्रूमेंट कम हुआ है. ऐसे में बैंकों में लिक्विडिटी बढ़ाने और सेविंग्‍स की तरफ आकर्षित करने के लिए बजट में बड़ा ऐलान हो सकता है. इसका भी असर शेयर बाजार पर पड़ेगा और बाजार में बड़ी गिरावट के आसार हैं.

जुआ बन गया है शेयर बाजार?

इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, F&O ट्रेडिंग में लोग ज्यादा फायदे के चक्कर में पैसा लगा रहे हैं. बाजार को जुए की तरह समझा जा रहा है. डेरिवेटिव ट्रेडिंग में रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स की संख्‍या बढ़ी है. इससे उन्‍हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. सर्वे में इशारा दिया गया है कि निवेशकों में जागरुकता बढ़ाना जरूरी है. इक्विटी कैश सेगमेंट टर्नओवर में व्यक्तिगत निवेशकों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 24 में 35.9 प्रतिशत थी. वहीं, डीमैट खातों की संख्या पिछले एक वित्त वर्ष में 1,145 लाख से बढ़कर 1,514 लाख पहुंच गई है.