Budget 2020: जानिये बजट में किस तरह के डॉक्यूमेंट होते हैं शामिल? ब्रीफकेस नहीं अब बहीखाता लेकर आती हैं वित्त मंत्री
Union Budget 2020: पिछली बार 5 जुलाई को भी वित्त मंत्री ने ब्रीफकेस की जगह बहीखाता का इस्तेमाल किया था. ब्रीफकेस की परंपरा अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी, जिसे वित्त मंत्री ने बहीखाते में बदल दिया.
Union Budget 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज बजट पेश कर रही हैं. अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार को देखते हुए इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. सरकार ने अर्थव्यवास्था को गति देने के लिए कई कदम उठाए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बजट डॉक्यूमेंट में क्या-क्या शामिल होते हैं? बजट की तैयारियां काफी पहले से शुरू हो जाती हैं. बजट तैयार करने में कई डॉक्यूमेंट शामिल किए जाते हैं. इन सभी डॉक्यूमेंट को मिलाकर एक संपूर्ण बजट तैयार होता है. (#BudgetOnZee)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक बार फिर से बहीखाता लेकर के बजट पेश करने को निकली हैं. आपको याद होगा पिछली बार 5 जुलाई को भी वित्त मंत्री ने ब्रीफकेस की जगह बहीखाता का इस्तेमाल किया था. ब्रीफकेस की परंपरा अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी, जिसे वित्त मंत्री ने बहीखाते में बदल दिया.
शामिल किए जाने वाले डॉक्यूमेंट
- बजट के डॉक्यूमेंट में वार्षिक वित्तीय विवरण (Annual Financial Statement) होता है
- डिमांड ऑन ग्रांट (Demand for Grants)
- एप्रोप्रिएशन बिल (Appropriation Bill)
- वित्त विधेयक में प्रावधान की व्याख्या का ज्ञापन (Memorandum Explaining the Provisions in the Finance Bill)
- मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए प्रासंगिक एवं व्यापक आर्थिक ढांचा (Macro-economic framework for the relevant financial year)
- फाइनेंस बिल (Finance Bill)
- एक्सपेंडीचर बजट वाल्यूम-1 (Expenditure Budget Volume -1)
- एक्सपेंडीचर बजट वाल्यूम-2 (Expenditure Budget Volume -2)
- वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय रणनीति का ब्यौरा (Fiscal Policy Strategy Statement for the financial year)
- मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति का वक्तव्य (Medium Term Fiscal Policy Statement)
- रिसीप्ट्स बजट (Receipts Budget)
डिमांड ऑन ग्रांट: इसमें जमा पैसों से खर्च के लिए निकाले जाने वाले पैसों (वार्षिक वित्तीय विवरण में शामिल) का अनुमान दर्ज होता है. यह एक तरह का फॉर्म होता है, जिसे अनुच्छेद 113 के तहत जमा किया जाता है. लोकसभा में इस पर मतदान जरूरी है.
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एप्रोप्रिएशन बिल: लोकसभा से मंजूरी के बाद खर्च की मांगों और जमा निधि में से किए जाने वाले खर्चों को जमा कर एक विधेयक बनाया जाता है, जिसे विनियोग विधेयक या एप्रोप्रिएशन बिल कहा जाता है. इसे भी लोकसभा में पेश किया जाता है.