ऐसे आधार कार्ड हो सकते हैं 'बेकार', UIDAI ने कहा- सावधान रहें यूजर्स
UIDAI का कहना है कि प्लास्टिक कार्ड से आपकी मंजूरी के बिना ही निजी जानकारी किसी और के पास पहुंच सकती हैं.
नई दिल्ली: आधार कार्ड को लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. अगर आधार कार्ड को लैमिनेशन कराया है और उसे प्लास्टिक कार्ड के तौर पर इस्तेमाल कर रहे है तो सावधान हो जाए. ऐसा करने से आपको बड़ा नुकसान हो सकता है. UIDAI ने खुद ही इसके लिए चेतावनी जारी की है. UIDAI ने उपभोक्ताओं को लेमिनेट आधार या फिर प्लास्टिक स्मार्ट कार्ड के तौर पर इस्तेमाल करने पर सावधान रहने को कहा है. दरअसल, ऐसा करने पर आपके आधार का क्यूआर कोड काम करना बंद हो सकता है, साथ ही निजी जानकारी चोरी हो सकती है. UIDAI का कहना है कि प्लास्टिक कार्ड से आपकी मंजूरी के बिना ही निजी जानकारी किसी और के पास पहुंच सकती हैं. यूआईडीएआई ने कहा कि आधार का कोई एक हिस्सा या मोबाइल आधार पूरी तरह से वैलिड है.
प्लास्टिक कार्ड पूरी तरह अनावश्यक
UIDAI के मुताबिक, आशंका है कि आप की मंजूरी के बिना ही गलत तत्वों तक आपकी निजी जानकारी साझा हो जाए. यूआईडीएआई का कहना है कि सामान्य कागज पर डाउनलोड किया गया आधार कार्ड या फिर मोबाइल आधार कार्ड पूरी तरह से मान्य है. स्मार्ट या प्लास्टिक आधार कार्ड का कोई सिद्धांत ही नहीं है. यह पूरी तरह से अनावश्यक और व्यर्थ है.
प्लास्टिक कार्ड का कोई कॉन्सेप्ट नहीं
UIDAI के मुताबिक, 'स्मार्ट या प्लास्टिक आधार कार्ड का कोई कॉन्सेप्ट ही नहीं है.' यही नहीं उन्होंने लोगों को हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी गैर-अधिकृत व्यक्ति से आधार नंबर साझा नहीं करना चाहिए. UIDAI ने आधार कार्ड की डिटेल जुटाने वाली अनाधिकृत एजेंसियों को भी चेतावनी देते हुए कहा कि आधार कार्ड की जानकारी हासिल करना या फिर उनकी अनाधिकृत प्रिंटिंग करना दंडनीय अपराध है. ऐसा करने पर कानून के तहत कैद भी हो सकती है.
एम आधार पूरी तरह वैध
UIDAI का कहना है कि आधार पत्र या इसका कटा हुआ भाग, सामान्य कागज पर आधार का इंटरनेट से निकाला गया संस्करण या एम आधार पूरी तरह वैध है. UIDAI का कहना है कि आधार स्मार्ट कार्ड की अनाधिकृत छपाई से यूजर को 50 से 200 रुपए की लागत आएगी जो कि पूरी तरह अनावश्यक है. प्राधिकरण ने एक बयान में कहा है, ‘प्लास्टिक या पीवीसी आधार स्मार्ट कार्ड का आमतौर पर क्यूआर कोड के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. इसकी वजह यह है कि गैर-अधिकृत प्रिंटिंग से क्विक रेस्पांस (क्यूआर) कोड आमतौर पर काम करना बंद कर देते हैं.
बिना अनुमति आधार कार्ड की जानकारी लेना अपराध
UIDAI ने आधार कार्ड की जानकारी जुटाने वाली अनधिकृत एजेंसियों को भी चेतावनी देते हुए कहा है कि आधार कार्ड की जानकारी हासिल करना या फिर उनकी अनधिकृत प्रिंटिंग करना अपराध है. ऐसा करने पर जेल भी हो सकती है.