Toy Industry ने सरकार से की मांग, PLI Scheme का मिले फायदा, GST में दी जाए राहत
Toy Sector:
Toy Sector: खिलौना बनाने वाली कंपनियों (Toy Manufacturers) ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से जुड़ी विसंगतियों को दूर करने और सेक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना (PLI Scheme) लाने की मांग की है. डिपार्टमेंट फॉर प्रोमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड (DPIIT) की 8 जुलाई को बुलाई गई बैठक में Toy इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने इन मुद्दों को उठाया.
इस बैठक में वैश्विक और घरेलू खिलौना कंपनियों के प्रतिनिधियों, खुदरा कारोबारियों, संघों और सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया. बैठक की अध्यक्षता डीपीआईआईटी के सचिव राजेश कुमार सिंह ने की.
ये भी पढ़ें- लाल भिंडी लगाओ, लखपति बन जाओ
इन स्कीम्स की मांग
भारतीय खिलौना संघ (TAI) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और लिटल जीनियस टॉयज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO ) नरेश गौतम ने कहा कि पीएलआई (PLI) और जीएसटी (GST) के अलावा उद्योग ने क्रेडिट लिंक्ड् कैपिटल सब्सिडी योजना (CLCSS) को फिर शुरू करने की भी मांग की है.
बैठक में शामिल रहे गौतम ने कहा, पीएलआई योजना (PLI Schemes) आज के समय की जरूरत है और इससे उद्योग को कारोबार के बड़े अवसरों का दोहन करने में मदद मिलेगी. गौतम पिछले 32 साल से लकड़ी के खिलौने बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह श्रम आधारित क्षेत्र है और सरकार के समर्थन उपायों से रोजगार पैदा करने और निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी.
ये भी पढ़ें- आम, अमरूद छोड़िए! इस फल की खेती से बरसेगा पैसा
16,000 करोड़ रुपये का भारतीय खिलौना बाजार
भारतीय खिलौना बाजार का साइज 16,000 करोड़ रुपये है और ग्लोबल मार्केट का साइज 120 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा है. भारत की हिस्सेदारी केवल 0.5% है और अगर हम अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते हैं, तो इसका उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा.
देश में 9,600 से अधिक रजिस्टर्ड MSME खिलौना बनाने वाली यूनिट्स और 8 GI खिलौना क्लस्टर हैं. इस कार्यक्रम में प्लेग्रो, सनलॉर्ड, माइक्रो-प्लास्टिक, एकस, फनस्कूल और ड्रीम-प्लास्ट जैसे 50 से अधिक घरेलू निर्माताओं ने भाग लिया.
ये भी पढ़ें- कमाई का मौका! 12 जुलाई को खुलेगा Utkarsh Small Finance Bank का IPO, Price Band 23-25 रुपये/ शेयर तय
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें