Old Pension Scheme Update: देशभर में नेशनल पेंशन स्कीम और ओल्ड पेंशन स्कीम (NPS vs OPS) को लेकर बहस छिड़ रही है. इस बीच केंद्र सरकार ने कुछ चुनिंदा केंद्रीय कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम चुनने का अन टाइम ऑप्शन दिया है.  इस विकल्प का लाभ केवल 22 दिसंबर 2003 या उससे पहले विज्ञापित या अधिसूचित पदों के जरिए केंद्र सरकार की सेवाओं में शामिल हुए कर्मचारी उठा सकते हैं.

नहीं बदला जा सकता निर्णय

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22 दिसंबर 2003 या उससे पहले विज्ञापित या अधिसूचित पदों के जरिए आए केंद्रीय कर्मचारी केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1972 (अब 2021) के तहत पुरानी पेंशन विकल्प 31 अगस्त 2023 तक चुनना होगा. सरकार के आदेश के मुताबिक यदि कर्मचारी 31 अगस्त तक इस विकल्प को नहीं चुनते हैं तो उन्हें नेशनल पेंशन स्कीम के दायरे में ला दिया जाएगा. वहीं, कर्मचारी जो भी विकल्प चुनेंगे वह अंतिम होगा, जिसे बाद में बदला नहीं जा सकता है. 

इन लोगों को नहीं मिलेगा फायदा

 

किसी सरकारी कर्मचारी को यदि 22 दिसंबर 2003 के बाद निकली भर्ती के जरिए नौकरी मिली है तो उसे इस विकल्प का लाभ नहीं मिलेगा. वह नेशनल पेंशन स्कीम व्यवस्था के तहत ही रहेंगे. आपको बता दें कि 1 अप्रैल 2004 से नेशनल पेंशन स्कीम अस्तित्व में आई थी. इसके बाद इसे कई राज्यों में लागू किया गया. फिलहाल राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड में पुरानी पेंशन स्कीम चल रही है. आपको बता दें कि एक अप्रैल 2004 से देश में नेशनल पेंशन स्कीम लागू हो गई थी. 

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आपको बता दें कि पिछले दिनों आरबीआई ने 'राज्य वित्तः 2022-23 के बजट का अध्ययन' शीर्षक से अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पुरानी पेंशन व्यवस्था दोबारा लागू करना राज्यों के लिए यह बड़ा जोखिम है. इससे आने वाले साल में उनके देनदारी में इजाफा हो जाएगा. इसे चुकाने के लिए पैसे नहीं है.  इससे राज्यों के स्तर पर राजकोष के परिदृश्य को लेकर एक बड़ा जोखिम मंडरा रहा है.