सरकार ने शुक्रवार को संकट में घिरी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (Vodafone Idea Limited) को बड़ी राहत देते हुए 16,133 करोड़ रुपये के ब्याज बकाये को इक्विटी में बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इस पूरे मामले पर केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी के ब्याज बकाये को हिस्सेदारी (इक्विटी) में बदलने का फैसला आदित्य बिड़ला ग्रुप से कंपनी चलाने और जरूरी निवेश लाने की निश्चित प्रतिबद्धता मिलने के बाद किया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद घाटे में चल रही वोडाफोन आइडिया में सरकार की हिस्सेदारी करीब 33 प्रतिशत हो जाएगी. वोडाफोन आइडिया पर करीब दो लाख करोड़ रुपये की देनदारी है.

कंपनी द्वारा सहमति जताने के बाद लिया गया फैसला

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सरकार के इस फैसले के बाद जारी बयान में अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘‘हमने पक्की प्रतिबद्धता मांगी थी कि आदित्य बिड़ला ग्रुप इस कंपनी को चलाएगा और इसके लिए जरूरी निवेश भी लेकर आएगा. आदित्य बिड़ला ग्रुप ने इसपर सहमति जताई है और इस तरह हम बकाया देनदारी को हिस्सेदारी में बदलने पर सहमत हो गए हैं.’’

दूरसंचार राहत पैकेज के तहत वोडाफोन आइडिया को मिली राहत

इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में बीएसएनएल के अलावा तीन कंपनियों की मौजूदगी चाहती है ताकि उपभोक्ताओं को इनकी अच्छा कॉम्पीटिशन मिल सके. बताते चलें कि वोडाफोन आइडिया को सितंबर, 2021 में घोषित दूरसंचार राहत पैकेज के तहत बकाया देनदारी से राहत मिली है. इस फैसले के बाद कंपनी सरकार को 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले इक्विटी शेयर जारी करेगी.

टेलीकॉम कंपनी ने शेयर बाजार को दी ये जानकारी

वोडाफोन आइडिया लिमिडेट (VIL) ने शेयर बाजार को बताया कि संचार मंत्रालय (Ministry of Communications) ने 3 फरवरी, 2023 को एक आदेश पारित किया. कम्युनिकेशन मंत्रालय ने कंपनी को निर्देश दिया कि वे स्पेक्ट्रम नीलामी (Spectrum Auction) की किस्तों को टालने से जुड़े ब्याज और एजीआर (Adjusted Gross Revenue) बकाये को इक्विटी शेयरों में बदले, जिसे भारत सरकार को जारी किया जाएगा.

भाषा इनपुट्स के साथ