AI Sanchaar Saathi: साइबर अपराध सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है. लेकिन, अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए इससे निपटने के लिए सरकार ने कमर कस ली है. सरकार द्वारा संचार साथी पोर्टल पर जल्द  इस सुविधा की शुरुआत होगी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए उपभोक्ता संदिग्ध कॉल, स्पैम अथवा नंबर की जानकारी दे सकता है.  इसके बाद से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा इंटेलिजेंस यूनिट इसकी जांच शुरू कर देंगे. 

AI Sanchaar Saathi: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा इंटेलिजेंस यूनिट खंगालेगा नंबर की कुंडली

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संचार साथी में शिकायत दर्ज करने के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) उस नंबर की कुंडली निकालेगा. DIU बताएगा कि नंबर किसके नाम से, क्या KYC डिटेल्स हैं, कहां से ऑपरेट हो रहा है. उस उपभोक्ता के लोकेशन और एक्टिविटी की जांच होगी. ये सभी डीटेल्स गृह मंत्रालय के साथ भी साझा की जाएगी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तत्काल उसकी आउटगोइंग कॉल बंद कर देगा. इसके बाद उपभोक्ता को दुबारा KYC के लिए कहा जाएगा. 

AI Sanchaar Saathi, Cyber Fraud: क्या है संचार साथी, कैसे करता है काम

टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले साल मई में संचार साथी पोर्टल लॉन्च किया था. संचार साथी की मदद से  मोबाइल फोन खो जाए, चोरी हो जाए तो कैसे उसे ब्लॉक कर सकते हैं, ट्रैक कर सकते हैं और उनको ट्रेस कर सकते हैं. इससे उसका डाटा और निजी चीजें भी सुरक्षित रखने में सहायता मिलेगी, सिम कार्ड के साथ फोन भी कर ब्लॉक सकते हैं. संचार साथी पोर्टल का उपयोग करके, अब तक धोखाधड़ी करने वाले 40 लाख से अधिक कनेक्शन की पहचान की गई है.  

AI Sanchaar Saathi: साइबर क्राइम के खिलाफ गुजरात ने बनाया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को हथियार

आपको बता दें कि इससे पहले गुजरात राज्य की सूरत पुलिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को साइबर क्राइम के खिलाफ अपना हथियार बनाया है. ANI से बातचीत में सूरत पुलिस के एडिशनल पुलिस कमिशनर शरद सिंघल ने कहा, 'एक चैटबॉट बनाया गया है जो पीड़ितों के साथ उनकी चुनी हुई भाषा में संवाद करेगा.' साइबर क्राइम के पीड़ित अपने निकटतम पुलिस स्टेशन का पता लगाने के लिए 'Find My Police Station' फीचर का इस्तेमाल कर सकेंगे.'