5G spectrum Auction: 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में बुधवार को 11,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बोली लगी. इसमें भारती एयरटेल सबसे बड़ी कंपनी के रूप में उभरी है. सरकार की ओर से किए जा रहे 96,000 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की नीलामी में सबसे ज्यादा मांग 900 मेगाहर्ट्ज और 1800 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम की रही.

5G स्पेक्ट्रम के लिए लगी कुल 11,340 करोड़ रुपये की बोली

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टेलीकॉम एनालिस्ट पराग कर के मुताबिक 900 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम के लिए 6,985 करोड़ रुपये की बोली लगी है और वहीं 1800 मेगाहर्ट्ज के लिए 3,579 करोड़ रुपये की बोली लगी है.

पराग कर ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि 2,100 मेगाहर्ट्ज में भारती एयरटेल द्वारा 545 करोड़ रुपये की एकमात्र बोली लगाई गई है. वहीं, वोडाफोन आइडिया (Vi) 2500 मेगाहर्ट्ज में बोली लगाने वाली एकमात्र कंपनी थी.

इन टेलीकॉम कंपनियों ने लिया हिस्सा

टेलीकॉम डिपार्टमेंट द्वारा इस नीलामी में 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज, 2,500 मेगाहर्ट्ज, 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज के बैंड नीलामी के लिए रखे गए थे. इस नीलामी प्रक्रिया में भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो ने भाग लिया.

एनालिस्ट का कहना है कि स्पेक्ट्रम की ये नीलामी देश में 5G कवरेज को तेजी से बढ़ाने में मदद करेगी. इससे सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा.

2029 तक देश में होंगे 84 करोड़ 5G यूजर्स

एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 5G यूजर्स की संख्या 2029 के अंत तक 84 करोड़ के करीब पहुंच सकती है, जो कि कुल मोबाइल सब्सक्राइबर की संख्या का 65 प्रतिशत होगा. 

पिछली बार लगी थी 1.5 लाख करोड़ की बोली

पिछली नीलामी 2022 में हुई थी जो सात दिन तक चली थी. उसमें 5जी दूरसंचार स्पेक्ट्रम की रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री हुई थी, जिसमें अरबपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की Jio शीर्ष बोलीदाता के रूप में उभरी थी. उसने सभी रेडिया तरंगों का करीब आधा हिस्सा (88,078 करोड़ रुपये मूल्य) हासिल किया था. उस समय दूरसंचार दिग्गज सुनील मित्तल की भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने 43,084 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाई थी, जबकि वोडाफोन-आइडिया ने 18,799 करोड़ रुपये में स्पेक्ट्रम खरीदा था.