TDS Rules: 1 जुलाई से टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) का नया नियम लागू हो रहा है. नया नियम सेल्स प्रमोशन के बिजनेस पर लागू होगा. इसका प्रभाव सोशल मीडिया इंफ्लूएंशर और डॉक्टर पर खासतौर से पड़ेगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने TDS के नए नियम पर दिशानिर्देश जारी किए हैं. केंद्रीय बजट में इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में एक नई धारा, 194R को जोड़ा गया था, ताकि रेवेन्यू लॉस को रोका जा सके.

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वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव कमलेश सी वार्ष्णेय के मुताबिक, इसमें डॉक्टरों की तरफ से दी जाने वाली मुफ्त दवा के सैंपल, विदेशी उड़ान टिकट या बिजनेस के दौरान इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मुफ्त टिकट और बहुत कुछ शामिल हैं. वार्ष्णेय ने इस बात पर जोर दिया कि Income tax return दाखिल करते समय इसका जिक्र होना चाहिए.

CBDT के सर्कुलर में क्या?

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा कि भुगतानकर्ता/कटौतीकर्ता को प्राप्तकर्ता के हाथ में राशि को लेकर कराधान जांच करने की आवश्यकता नहीं है. अतिरिक्त फायदे के रूप में दी गई संपत्ति की प्रकृति प्रासंगिक नहीं है. यहां तक ​​कि फायदे के लिए दी गई पूंजीगत संपत्तियां भी धारा 194R के दायरे में आती हैं. इसके अलावा, धारा 194R उन विक्रेताओं पर भी लागू होगी जो छूट या छूट के अलावा प्रोत्साहन देते हैं. यह छूट नकद या कार, टीवी, कंप्यूटर, सोने का सिक्का, मोबाइल फोन, मुफ्त टिकट जैसी वस्तुओं के रूप में हो सकती है. 

CBDT स्पष्ट करता है कि अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों को दवाओं के नि:शुल्क सैंपल मिलने की स्थिति में धारा 194आर लागू होगी. एक नियोक्ता के रूप में अस्पताल ऐसे सैंपल को कर्मचारियों के लिए कर योग्य अनुलाभ के रूप में मान सकता है और धारा 192 के तहत टैक्स काट सकता है. 

वहीं, एक अस्पताल में सलाहकार के रूप में काम करने वाले और मुफ्त सैंपल प्राप्त करने वाले डॉक्टरों के लिए, टीडीएस आदर्श रूप से पहले अस्पताल पर लागू होगा, जिसके लिए सलाहकार डॉक्टरों के संबंध में धारा 194R के तहत टैक्स कटौती की आवश्यकता होगी. 

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