वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत राजस्व में एक लाख करोड़ रुपये की कमी होने से सरकार को चालू वित्त वर्ष में सकल कर राजस्व लक्ष्य को संशोधित करके 23,066 करोड़ रुपये घटाना पड़ा, जबकि प्रत्यक्ष कर संग्रह अपेक्षा से बेहतर रहा है. संसद में शुक्रवार को पेश अंतरिम बजट के अनुसार, संशोधित जीएसटी राजस्व लक्ष्य 7.44 लाख रुपये से घटाकर 6.44 लाख रुपये कर दिया गया है. इस प्रकार जीएसटी राजस्व संग्रह में कमी के कारण जीएसटी राजस्व लक्ष्य में एक लाख रुपये की कमी की गई है. 

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प्रत्यक्ष कर राजस्व लक्ष्य को हालांकि 50,000 रुपये बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है. सीमा शुल्क व अन्य शुल्कों सहित कुल अप्रत्यक्ष कर अनुमान 10.45 लाख करोड़ रुपये रखा गया है, जबकि पहले 11.18 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था. 

सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य 13.8 लाख करोड़ रुपये रखा है, जोकि इस साल के संशोधित लक्ष्य से 15 फीसदी अधिक है. सरकार ने आगामी वित्त वर्ष के लिए अप्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य 11.7 लाख करोड़ रुपये रखा है, जोकि इस साल के संशोधित लक्ष्य से 11.9 फीसदी अधिक है. 

पिछले सप्ताह आईएएनएस की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि सरकार दिसंबर तक जीएसटी संग्रह की प्रवृत्ति को देखते हुए बजट अनुमान में जीएसटी संग्रह लक्ष्य में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये की कमी कर सकती है. 

जीएसटी राजस्व संग्रह में हालांकि जनवरी में सुधार हुआ है, लेकिन एक लाख करोड़ रुपये की कमी को पूरा करने के लिए यह काफी नहीं हो सकता है. 

सीबीआईसी अध्यक्ष प्रणब कुमार दास ने कहा कि अनुपालन में वृद्धि हुई है और कर का दायर बढ़ता जा रहा है, इसलिए राजस्व लक्ष्य को पूरा करना मुश्किल नहीं होगा. प्रणब कुमार ने पिछले ही महीने अध्यक्ष का पदभार संभाला है.

कुमार ने कहा, "एक जनवरी को पदभार संभालने के बाद मैंने पहले ही महीने एक लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल किया है, जोकि मैंने पदभार संभालने से पहले वादा किया था. मैंने दिखाया है कि यह संभव है."