Semiconductor: अमेरिकी कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी (Micron Technology) ने साणंद में नई असेंबली और टेस्टिंग सुविधा के निर्माण के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स (Tata Projects) को कॉन्ट्रैक्ट दिया है. माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने लगभग 22,500 करोड़ रुपये (2.75 अरब डॉलर) की लागत से बनने वाले चिप एसेंबली और परीक्षण निर्माण संयंत्र की आधारशिला रखी.  माइक्रोन दो चरणों में प्लांट बनाने में 82.5 करोड़ डॉलर तक का निवेश करेगी और बाकी निवेश केंद्र और राज्य सरकार से आएगा.

सेमीकंडक्टर हब बनने का सफर शुरू

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केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कहा कि भारत ने सेमीकंडक्टर हब (Semiconductor Hub) बनने की अपनी यात्रा शुरू कर दी है. इस बात पर जोर देते हुए कि बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत को जल्द ही 5 लाख करोड़ रुपये के चिप्स की जरूरत होगी. मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका में माइक्रोन टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष और सीईओ संजय मेहरोत्रा से मुलाकात के तीन महीने के भीतर कंपनी ने संयंत्र लगाने का काम शुरू कर दिया है जो अभूतपूर्व है.

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15 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

माइक्रोन ने सरकार के समर्थन से भारत में सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण सुविधा के निर्माण में 82.5 करोड़ डॉलर तक निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है. अगले पांच साल में 2.75 अरब डॉलर के संयुक्त निवेश से लगभग 5 हजार डायरेक्ट नौकरियां पैदा होंगी जबकि 15 हजार लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है.

कंपनी की असेंबली, टेस्ट, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी) सुविधा साणंद जीआईडीसी-II औद्योगिक एस्टेट में 93 एकड़ में स्थापित की जा रही है और 18 महीने के भीतर चालू होने की उम्मीद है. यह सुविधा वेफर्स को बॉल ग्रिड ऐरे (बीजीए) - एकीकृत सर्किट पैकेज, मेमोरी मॉड्यूल और सॉलिड-स्टेट ड्राइव - में बदलने पर ध्यान केंद्रित करेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई में देश में सेमीकंडक्टर विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के इच्छुक खिलाड़ियों को 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता का वादा किया था. गांधीनगर में सेमीकॉनइंडिया 2023 में उन्होंने कहा था कि ''हम देश के सेमीकंडक्टर क्षेत्र की वृद्धि में तेजी लाने के लिए लगातार नीतिगत सुधार कर रहे हैं.

(IANS इनपुट के साथ)