देश के सर्विस सेक्‍टर की गतिविधियां नवंबर में जुलाई के बाद सबसे तेज गति से बढ़ी हैं. नए कारोबारी ऑर्डर और बाजार स्थितियां अनुकूल रहने से सर्विस सेक्‍टर में ग्रोथ दर्ज की गयी. इसके परिणामस्वरूप कंपनियों में रोजगार सृजन भी तेजी से बढ़ा है. एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात कही गई है. निक्‍केई इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्‍स अक्टूबर के 52.2 से बढ़कर नवंबर में 53.7 पर पहुंच गया. यह बाजार की अनुकूल स्थिति और बिक्री में वृद्धि को दर्शाता है, जिसके चलते सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी आई.

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सेवा क्षेत्र के पीएमआई में लगातार छठवें महीने तेजी रही. पीएमआई के तहत 50 से अधिक का मतलब विस्तार और उससे कम अंक संकुचन को बताता है. इस बीच, निक्‍केई इंडिया कंपोजिट पीएमआई उत्पादन सूचकांक अक्टूबर में 53 से बढ़कर नवंबर में 54.5 पर पहुंच गया. यह विनिर्माण और सेवा क्षेत्र दोनों को दर्शाता है. यह निजी क्षेत्र की गतिविधियों में अक्टूबर 2016 के बाद सबसे तेजी से विस्तार के संकेत देता है.    

आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री और रिपोर्ट की लेखिका पॉलीयाना डी लीमा ने कहा कि विनिर्माण उद्योग में भी इसी तरह की तेजी देखने को मिली है और यह सुझाव देता है कि निजी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था 2018-19 की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के तीसरी तिमाही नतीजों को बढ़ावा देगी. सर्वेक्षण में रोजगार के मोर्चे पर कहा गया है कि कर्मचारियों की संख्या में लगातार 16वें महीने वृद्धि दर्ज की गई.

लीमा ने कहा कि अबतक, 2018 रोजगार वृद्धि के लिहाज से एक दशक का सबसे अच्छा वर्ष साबित हुआ है.  कीमत के मोर्चे पर, सर्वेक्षण में कहा गया है कि सेवा क्षेत्र में परिचालन व्यय लगातार बढ़ रहा है और सेवा प्रदाताओं ने मार्जिन बचाने के लिए नवंबर में बिक्री मूल्य को फिर से बढ़ाया. सर्वेक्षण में कहा गया है कि बाजार स्थितियों में सुधार के अनुमानों के बीच सेवा प्रदाताओं की कारोबारी धारणा नवंबर में मजबूत हुई है.