2030 तक तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनेगा भारत, स्टार्टअप का होगा अहम रोल- CEA नागेश्वरन
Startup भारत को अपनी महत्वाकांक्षी विकास संबंधी लक्ष्य हासिल करने और कुछ सालों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. भारत सात वर्षों में 7 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा, यह 2030 तक संभव है अगर भारत अपने वर्तमान विकास पथ को बनाए रखता है, और उस यात्रा में स्टार्टअप उद्यमी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं.
भारत तेजी से विकास की राह पर है. भारत की विकास दर जी-20 देशों के बीच दूसरे स्थान पर है और उभरती बाजार इकोनॉमी में औसतन लगभग दोगुनी है. इस लचीलेपन की वजह मजबूत आर्थिक मांग, मजबूत सार्वजनिक बुनियादी ढांचा निवेश और मजबूत वित्तीय क्षेत्र है. इसी बीच भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी. अनंत नागेश्वरन ने शनिवार को कहा कि स्टार्टअप (Startup) भारत को अपनी महत्वाकांक्षी विकास संबंधी लक्ष्य हासिल करने और कुछ सालों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
सात सालों में 7 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी
कार्यक्रम के तीसरे और अंतिम दिन केरल स्टार्टअप मिशन (KSUM) के हडल ग्लोबल 2023 में लीडरशिप टॉक देते हुए नागेश्वरन ने बताया कि तिरुवनंतपुरम सहित देश के टियर-2 और टियर-3 शहर स्टार्टअप पावरहाउस के रूप में उभर रहे हैं.
नागेश्वरन ने कहा, जैसा कि आप सभी अच्छी तरह से जानते हैं, हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी हैं, जो कुछ सालों में तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगी. वास्तव में, मैं कहूंगा कि '7-इन-7' चर्चा का नारा है, यानी सात वर्षों में 7 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी. यह 2030 तक संभव है यदि भारत अपने वर्तमान विकास पथ को बनाए रखता है, और उस यात्रा में स्टार्टअप उद्यमी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं.
भारत में स्टार्टअप्स की सक्रिय भागीदारी
नागेश्वरन ने कहा कि भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे के विस्तार की नींव पर व्यापार मॉडल विकसित करने में भारत में स्टार्टअप्स की सक्रिय भागीदारी देश के लिए दक्षता, राजस्व और आर्थिक रिटर्न उत्पन्न करना जारी रखेगी. उद्यमिता और नवाचार की संस्कृति एक 'महामारी' है जिसे भारत लगातार अनुभव करना चाहेगा.
1.12 लाख से अधिक स्टार्टअप को मान्यता
उन्होंने कहा कि पिछले दशक में भारत के स्टार्टअप परिदृश्य में एक असाधारण परिवर्तन देखा गया है, जो विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र बनकर उभरा है, वर्तमान में 763 जिलों में उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा 1.12 लाख से अधिक स्टार्टअप को मान्यता दी गई है. CEA ने कहा, उनमें से कई यूनिकॉर्न हैं, जिनका कुल मूल्यांकन लगभग 350 अरब डॉलर है. साथ ही इनोवेशन क्वालिटी में भी देश दूसरे स्थान पर है.
इन क्षेत्रों में स्टार्टअप्स
नागेश्वरन ने कहा, भारत में नवाचार केवल कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है, क्योंकि स्टार्टअप 56 औद्योगिक क्षेत्रों में समस्याओं का समाधान कर रहे हैं, जिनमें से 13 फीसदी आईटी सेवाओं से, 9 फीसदी स्वास्थ्य और जीवन विज्ञान से, 7 फीसदी शिक्षा से, 5 फीसदी कृषि से और खाद्य एवं पेय पदार्थों से 5 फीसदी हैं.
उन्होंने कहा, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 49 फीसदी स्टार्टअप टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं, जो एक गेम-चेंजर रहा है, क्योंकि इन स्थानों में व्यावसायिक लाभ उद्यमियों को टियर-1 शहर की तुलना में कम लागत पर काम करने में सक्षम बनाते हैं.