रेटिंग फर्म S&P ने भारत का आउटलुक स्टेबल से पॉजिटिव किया है.  अपनी ताजा रिपोर्ट में उसने कहा कि भारत में रिफॉर्म जारी रहने की उम्मीद है. चुनाव को लेकर कहा गया कि 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे चाहे कुछ भी आए, उसका असर ग्रोथ पर नहीं होगा. सरकार का इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च जारी रहेगा जिससे ग्रोथ को बूस्ट मिलेगा. फिस्कल डेफिसिट को लेकर कहा गया कि यह GDP के 7% से कम रहने पर सॉवरेन रेटिंग भी अपग्रेड होने की संभावना है.

2014 में रेटिंग को अपग्रेड कर स्टेबल किया था

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S&P ने अप्रैल 2012 में इंडियन इकोनॉमी के आउटलुक को डाउग्रेड कर निगेटिव कर दिया था. उस समय कहा गया था कि इकोनॉमी की हालत पतली हो रही है और फिस्कल प्रोग्रेस भी स्लो है. साल 2014 में देश की कमान नरेंद्र मोदी के हाथों में गई. उसी साल  रेटिंग एजेंसी ने सॉवरेन रेटिंग को फिर से अपग्रेड कर निगेटिव से स्टेबल किया था. अब इसे स्टेबल से अपग्रेड कर पॉजिटिव कर दिया गया है.

FY25 के लिए ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाया

हाल ही में S&P ने FY25 के लिए इंडियन इकोनॉमी के ग्रोथ के अनुमान को 6.4% से बढ़ाकर 6.8% किया था. अक्टूबर 2023 में रेटिंग एजेंसी ने कहा था कि साल 2023 तक अगर ग्रोथ की रफ्तार ट्रैक पर रहती है तो भारत जापान को भी पीछे छोड़ देगा. जून 2023 में S&P ने इंडियन बैंकिंग सिस्टम्स के लिए रेटिंग को अपग्रेड किया था.

अन्य रेटिंग एजेंसी का भी है भरोसा

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी का इंडियन इकोनॉमी पर भरोसा लगातार बढ़ रहा है. अक्टूबर 2021 में Moody's ने भारत की सॉवरेन रेटिंग्स को निगेटिव से अपग्रेड कर स्टेबल किया था. जून 2022 में Fitch ने सॉवरेन रेटिंग्स को निगेटिव से अपग्रेड कर स्टेबल किया था. दिसंबर 2023 में Moody's ने चाइनीज इकोनॉमी के आउटलुक को घटाकर निगेटिव किया था.