महंगाई दर में कमी तथा वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम में नरमी से रिजर्व बैंक के लिये नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश बनी हुई है. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को यह कहा. केंद्रीय बैंक अपनी छठी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा 7 फरवरी को करने वाला है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में यह पहली मौद्रिक नीति समीक्षा होगी. उर्जित पटेल के अचानक इस्तीफा देने के बाद दास ने दिसंबर 2018 में पदभार संभाला.

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एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स के अर्थशास्त्री वी राणा ने कहा कि महंगाई दर काबू में है और लक्ष्य दायरे के निचले स्तर पर है. इसका कारण खाद्यान का रिकार्ड उत्पादन तथा कच्चे तेल के दाम में नरमी है. यह अक्टूबर में उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद से करीब 20 प्रतिशत नीचे आया है.  राणा ने कहा कि इन दोनों कारकों का मतलब है कि रिजर्व बैंक के पास नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश है.

केंद्रीय बैंक ने दिसंबर में मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दर को यथावत रखा था लेकिन साथ में यह भी कहा था कि अगर महंगाई दर में तेजी का जोखिम वास्तविक रूप नहीं लेता तो इसमें कटौती की जाएगी.

खाद्य एवं ईंधन के दाम में लगातार गिरावट से खुदरा महंगाई दर दिसंबर 2018 में 2.19 प्रतिशत पर आ गयी जो 18 महीने का न्यूनतम स्तर है. वहीं थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर आलोच्य महीने में 3.80 प्रतिशत रही जो आठ महीने का निचला स्तर है.

सरकार ने खुदरा महंगाई दर को 2 प्रतिशत ऊपर-नीचे दायरे के साथ 4 प्रतिशत पर बनाये रखने की रिजर्व बैंक की जवाबदेही तय की है. ब्रेंट क्रूड का भाव फिलहाल 63 डालर प्रति बैरल के करीब है. एक समय यह 80 डालर बैरल के पार चला गया था.