SEBI इन पांच कंपनियों को सौंपेगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का काम, जल्द हो सकेगा शिकायतों का निपटान
सेबी ने ज्ञान प्रबंधन तथा ‘बिजनेस प्रोसेस री-इंजीनियरिंग’ के लिये रुचि रखने वालों से अगस्त में नोटिस जारी कर रुचि पत्र आमंत्रित किया था.
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कामकाज प्रक्रिया में सुधार लाने के लिये डेलॉयट और ईवाई समेत पांच इकाइयों को छांटा है. इन इकाइयों को ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली में सुधार, बाजार मध्यस्थों का निरीक्षण तथा शिकायत निपटान प्रक्रिया को बेहतर बनाने का काम सौंपा जाएगा. छांटी गई अन्य कंपनियां एसेंचर सॉल्यूशंस, बीडीओ इंडिया एलएलपी और ईआईटी सर्विसेज इंडिया हैं. नियामक ने यह जानकारी दी है.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ज्ञान प्रबंधन तथा ‘बिजनेस प्रोसेस री-इंजीनियरिंग’ के लिये रुचि रखने वालों से अगस्त में नोटिस जारी कर रुचि पत्र आमंत्रित किया था. सेबी के अनुसार रूचि पत्र (ईओआई) का मकसद पंजीकरण प्रक्रिया को दुरुस्त करना, इसे और कुशल बनाना तथा उसके मुताबिक ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल में सुधार लाना है. साथ ही सभी मध्यस्थों का कुशल, इलेक्ट्रॉनिक तथा स्वचालित तरीके से जांच को पूरा करने के लिये एक नई व्यवस्था सृजित करने पर भी जोर होगा.
त्वरित और बिना किसी गलती के निपटान की तैयारी
इसके अलावा सेबी अभियोजन प्रक्रिया में दक्षता बढ़ाना चाहता है ताकि मामलों का त्वरित और बिना किसी गलती के निपटान हो. साथ ही शिकायत निपटान प्रक्रिया में सुधार लाना भी उसका एक मकसद है. नियामक ने कहा कि चुनी गई कंपनी या कंपनियां मौजूदा कारोबार प्रक्रिया तथा संबंधित हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर ढांचागत सुविधा का आकलन करेंगी और नई कारोबार प्रक्रिया का विकास करेंगी जिससे सेबी के कामकाज में रुपांतरण आए.
1,677 कंपनियों की सूची जारी की थी
इससे पहले बाजार नियामक SEBI ने जुर्माने का भुगतान न करने वाली 1,677 कंपनियों की सूची जारी की थी. इस लिस्ट में ऐसी कंपनियां और व्यक्ति शामिल हैं जो सेबी की तरफ से लगाए गए जुर्माने को 31 मई तक चुकाने में नाकाम रहे थे. सेबी की वेबसाइट पर जारी सूची में 31 दिसंबर 2017 तक के आदेशों के तहत लगाए गए जुर्माने का मई 2018 तक भुगतान नहीं करने वाले शामिल किए गए थे.
(इनपुट एजेंसी से)