सऊदी अरब कच्चे तेल की आपूर्ति के लिये भारत को क्षेत्रीय केंद्र बनाने पर विचार कर रहा है और भंडारण सुविधाओं के निर्माण तथा रिफाइनरी को सुदृढ़ करने में अरबों डॉलर का निवेश करेगा. सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदेल बिन अहमद अल-जुबेर ने यह बात कही है. दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक सऊदी अरब यहां पेट्रालियम उत्पादों के वितरण और मार्केटिंग के क्षेत्र में भी निवेश करेगा. साथ ही भारत को पेट्रोरसायन क्षेत्र में बुनियादी ढांचा को मजबूत करने में मदद करेगा.

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सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान के प्रतिनिधिमंडल में शामिल विदेश मंत्री ने कहा कि उनका देश भारत को बढ़ती आर्थिक शक्ति के रूप में देखता है और उसकी आगे की वृद्धि को लेकर आशावान है. अल जुबेर ने पिछले सप्ताह बातचीत में कहा कि हम भारत को क्षेत्र में कच्चे तेल की आपूर्ति का केंद्र बनाने पर गौर कर रहे हैं. हम यहां भंडारण सुविधाएं बनाने पर विचार कर रहे हैं. हम रिफाइनरी और वितरण तथा विपणन क्षेत्र पर भी गौर कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हम ऐसी ढांचागत सुविधा में निवेश कर रहे हैं जो भारत को पेट्रोलियम उत्पादों के आयात और निर्यात के काबिल बनाएगा. सऊदी अरब ने हाल ही में यह घोषणा की कि दुनिया की सबसे बड़ी तेल निर्यातक कंपनी सऊदी अरामको महाराष्ट्र में 44 अरब डॉलर की लागत से संयुक्त उद्यम के तहत स्थापित होने वाली रिफाइनरी परियोजना में भागीदार होगी. यह दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी होगी जिसका निर्माण एक बार में किया जाएगा.

अल-जुबेर ने कहा कि हम भारत की भागीदारी के साथ 44 अरब डॉलर की लागत सबसे बड़ा रिफाइनरी परिसर बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम भारत को एक बढ़ती आर्थिक शक्ति तथा एक स्थिर एवं अवसरों वाला देश के रूप में देख रहे है. इसीलिए हम भारत के साथ बेहतर और मजबूत संबंध चाहते हैं. सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि उनका देश भारत की तेल मांग को पूरा करने को प्रतिबद्ध है तथा और कच्चा तेल बेचने को तैयार है.

(इनपुट भाषा से)