रुपये में गिरावट की खबरें अब बीते दिनों की बात हो गई हैं. भारतीय मुद्रा पिछले छह कारोबारी दिनों से लगातार ऊपर चढ़ रही है और मंगलवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 21 पैसे चढ़कर 71.46 के भाव पर बंद हुआ. विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और विदेशी फंडों की आवक बढ़ने के चलते रुपये में तेजी आई है. पिछले छह कारोबारी सत्रों के दौरान रुपया 134 पैसे चढ़ चुका है. इसके साथ ही रुपया पिछले दो महीने के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है.

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रिजर्व बैंक ने कहा है कि वह 22 नवंबर को सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद के जरिए प्रणाली में 8000 करोड़ रुपये जारी करेगा. इसके चलते भी रुपये के लेकर सकारात्मक रुझान बने. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत इस समय 66.56 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर चल रही है, जबकि पिछले महीने इसके 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही थी.

विदेशी फंडों के आवक बढ़ने से भी रुपये में तेजी बढ़ी. शेयर बाजार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (एफपीआई) ने सोमवार को 1103 करोड़ रुपये की शुद्ध इक्विटी खरीदी. नवंबर महीने में एफपीआई ने अभी तक इक्विटी में 0.5 अरब डॉलर और डेट में 0.8 अरब डॉलर का निवेश किया है. इसके विपरीत उन्होंने सितंबर और अक्टूबर में भारी बिकवाली की थी.

वैश्विक कारणों के चलते डॉलर पर बने अतिरिक्त दबाव से भी रुपये को फायदा मिल रहा है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)