Dollar vs Rupees: आज डॉलर के मुकाबले रुपए में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई और यह पांच सप्ताह के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ. आज रुपया 36 पैसे बढ़कर 79.17 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. डॉलर के मूल्य में गिरावट तथा डॉलर इन्फ्लो बढ़ने से रुपए में तेजी दर्ज की गई है. दिन के कारोबार में रुपए ने 79.03 का ऊपरी और 79.33 का निचला स्तर देखा. रुपया सोमवार को 79.53 पर बंद हुआ था. इधर अमेरिका में महंगाई डेटा सामने आने के बाद डॉलर इंडेक्स फिर से 109 के पार पहुंच गया है. इससे रुपए में गिरावट के आसार बढ़ गए हैं.

FPI निवेश की मदद से रुपए को मजबूती

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कोटक सिक्यॉरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट, करेंसी डेरिवेटिव्स, अनिंद्य बनर्जी ने कहा कि 3 अगस्त के बाद यह रुपए का सर्वोच्च स्तर है. फॉरन पोर्टफोलियो निवेशकों की दम पर रुपए में मजबूती आई है. उन्होंने कहा कि जब तक कच्चे तेल में नरमी रहती है और शेयर बाजार में तेजी रहती है, रुपए को मजबूती मिलेगी. आज सेंसेक्स 60571 के स्तर पर बंद हुआ जो चार महीने का उच्चतम स्तर है. निफ्टी ने 4 अप्रैल के बाद पहली बार 18 हजार के पार 18070 के स्तर पर बंद हुआ है. वहीं, इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड का भाव इस समय 94 डॉलर प्रति बैरल के करीब है. आने वाले दिनों में रुपए के 78.70 से 79.50 के दायरे में रहने का अनुमान है.

डॉलर इंडेक्स फिर से 109 के पार

डॉलर इंडेक्स आज कारोबार के दौरान 107.44 के स्तर तक फिसल गया था, अमेरिका में महंगाई डेटा सामने आने के बाद यह 0.81 फीसदी के उछाल के साथ फिर से 109 के पार पहुंच गया है. IIFL Securities के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि अमेरिका में महंगाई का डेटा बाजार के अनुमान से ज्यादा है. अगस्त में अमेरिका में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स सालाना आधार पर 8.3 फीसदी रहा जो जुलाई में 8.5 फीसदी था. ऐनालिस्ट्स का अनुमान 8.1 फीसदी का था.

फेडरल पर इंट्रेस्ट रेट बढ़ाने का दबाव बढ़ा

अनुज गुप्ता ने कहा कि मंथली आधार पर अगस्त में महंगाई दर 0.1 फीसदी बढ़ी. ऐनालिस्ट्स का अनुमान था कि इसमें 0.1 फीसदी की गिरावट आएगी. ऐसे में अब इस बात की ज्यादा संभावना है कि फेडरल रिजर्व इंट्रेस्ट रेट में 75 बेसिस प्वाइंट्स की फिर से बढ़ोतरी करेगा.

फेस्टिव खरीदारी के कारण दिसंबर तिमाही में महंगाई को बल

केडिट कमोडिटी के अजय केडिया ने कहा कि विदेशी निवेशकों ने सितंबर में अब तक शेयर बाजार में 700 मिलियन डॉलर की खरीदारी की है. अगस्त में उन्होंने 6.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया था. डॉलर इंडेक्स में आई गिरावट के कारण ही रुपए को मजबूती मिली है. इसके अलावा कच्चे तेल की गिरती कीमत भी रुपए के लिए अच्छी बात है. महंगाई की बात करें तो फूड इंफ्लेशन में तेजी आई है. जैसा कि हम जानते हैं,  अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में फेस्टिव सीजन होता है. ऐसे में फेस्टिव मांग के कारण वैसे भी महंगाई दर को सपोर्ट मिलता है. इधर महंगाई डेटा आने के बाद फेडरल रिजर्व का रुख और अग्रेसिव होगा जिससे रुपए पर दबाव बनी रहेगी.