Review of taxes on crude oil: फ्यूल पर लगने वाले टैक्स को लेकर सरकार ने एक अहम फैसला लिया है.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (finance Minister Nirmala Sitharaman) शुक्रवार को कहा कि सरकार कच्चा तेल (क्रूड ऑयल), डीजल-पेट्रोल और विमान ईंधन (ATF) पर लगाए गए नए टैक्स की समीक्षा (रिव्यू) इंटरनेशनल प्राइस को ध्यान में रखते हुए हर पखवाड़े यानी हर 15 दिनों में करेगी. पीटीआई की खबर के मुताबिक, सीतारमण ने कहा कि यह एक मुश्किल वक्त है और वैश्विक स्तर पर तेल कीमतें बेलगाम हो चुकी हैं. 

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घरेलू स्तर पर उपलब्धता बढ़ाने की है कोशिश

खबर के मुताबिक, सीतारमण ने कहा कि हम एक्सपोर्ट को हतोत्साहित नहीं करना चाहते लेकिन घरेलू स्तर पर उसकी उपलब्धता बढ़ाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अगर तेल (rude oil tax)पलब्ध नहीं होगा और एक्सपोर्ट अप्रत्याशित फायदे के साथ होता रहेगा तो उसमें से कम-से-कम कुछ हिस्सा अपने नागरिकों के लिए भी रखने की जरूरत होगी.

एक्सपोर्ट पर टैक्स लगाने की अनाउंसमेंट

सरकार ने शुक्रवार को ही पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) और विमान ईंधन (ATF) के एक्सपोर्ट पर टैक्स लगाने की अनाउंसमेंट की. पेट्रोल और एटीएफ के एक्सपोर्ट पर 6 रुपये प्रति लीटर और डीजल के एक्सपोर्ट पर 13 रुपये प्रति लीटर की दर से टैक्स लगाया गया है. यह 1 जुलाई से प्रभाव में आ गया है. इसके साथ ही ब्रिटेन की तरह लोकल लेवल पर उत्पादित कच्चे तेल पर भी टैक्स लगाने की घोषणा की गई. घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन का टैक्स लगाया गया है.

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राजस्व सचिव तरूण बजाज ने कहा कि नया टैक्स सेज इकाइयों पर भी लागू होगा लेकिन उनके एक्सपोर्ट को लेकर पाबंदी नहीं होगी. रुपये के बारे में वित्त मंत्री (finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार स्थिति पर नजर रख रही है. सरकार इम्पोर्ट पर रुपये के मूल्य के असर को लेकर पूरी तरह सचेत है.