अप्रैल में रिटेल महंगाई बढ़कर 2.92% पर पहुंची
अप्रैल में रिटेल इनफ्लेशन यानी खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी देखने को मिली है. खाने-पीने की चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते CPI महंगाई दर 6 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गई है.
अप्रैल में रिटेल इनफ्लेशन यानी खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी देखने को मिली है. CPI महंगाई दर बढ़कर 2.92 फीसदी पहुंच गई है. मार्च में यह आंकड़ा 2.86 फीसदी और अप्रैल 2018 में 4.58 फीसदी था. केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (CSO) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार खाने-पीने की चीजों की महंगाई अप्रैल में बढ़कर 1.1 फीसदी रही, मार्च में यह 0.3 फीसदी पर थी. बता दें, रिजर्व बैंक अपनी मॉनिटरी पॉलिसी पर फैसला करने के दौरान खुदरा महंगाई के आंकड़ों को ध्यान में रखता है.
सब्जियों की महंगाई बढ़ी
अप्रैल में सब्जियों की रिटेल महंगाई बढ़कर 2.87 फीसदी हो गई, जो कि मार्च में —1.49 फीसदी पर दर्ज की गई थी. अनाज की खुदरा महंगाई 1.17 फीसदी रही, जो मार्च में 1.25 फीसदी थी. वहीं, दालों की महंगाई भी अप्रैल में बढ़ी लेकिन यह अभी भी शून्य से नीचे बनी हुई है. अप्रैल में दालों की महंगाई —0.89 फीसदी रही, मार्च में —2.25 फीसदी थी.
फ्यूल की महंगाई बढ़ी क्लोदिंग-फुटवीयर में कमी
आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में फ्यूल एंड लाइट की खुदरा महंगाई बढ़कर 2.56 फीसदी हो गई. मार्च में यह 2.42 फीसदी पर थी. दूसरी ओर क्लोदिंग एंड फुटवीयर की महंगाई गिरकर 2.01 फीसदी पर आ गई, जोकि मार्च में 2.59 फीसदी पर थी. इसी तरह, हाउंसिंग महंगाई अप्रैल में 4.76 फीसदी पर दर्ज की गई. मार्च में यह 4.93 फीसदी पर थी.
केंद्रीय बैंक नीतिगत दर में कर सकता है कटौती
रिजर्व बैंक (RBI) जून में होने वाली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य नीतिगत दर रेपो में एक और कटौती कर सकता है. उसके बाद मुद्रास्फीति और राजकोषीय घाटे की आशंका से साल के बचे हुए महीनों में रेपो (फौरी उधार पर ब्याज की दर) में कटौती की गुंजाइश कम होगी. वैश्विक स्तर पर बाजार संबंधी सूचनाएं उपलब्ध कराने वाली लंदन की फर्म आईएचएस मार्किट ने बुधवार को एक रपट में यह जानकारी दी.
केंद्रीय बैंक ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये इस साल फरवरी और अप्रैल में रेपो दर में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती की थी. इस समय आरबीआई की यह दर 6 प्रतिशत वार्षिक है जिस पर वह बैंकों को एक दिन के लिए नकद धन उधार देता है.