Q3 नतीजे के बाद बोले HPCL अध्यक्ष, लाल सागर संकट का तेल सप्लाई पर नहीं होगा असर, बढ़ी लागत
Red Sea, Crude Oil Supply: लाल सागर रूट पर हूती विद्रोहियों के लगातार हो रहे हमले के बीच HPCL के चेयरमैन पुष्प कुमार जोशी ने कहा है कि कच्चे तेल के प्रवाह पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
Red Sea, Crude Oil Supply: लाल सागर जल मार्ग के आसपास चल रहे संकट और हूती विद्रोहियों के हमले के कारण तेल की आपूर्ति को लेकर काफी संशय पैदा हुए हैं. हालांकि, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) के चेयरमैन पुष्प कुमार जोशी ने कहा कि इससे कच्च तेल की सप्लाई के प्रवाह में कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हालांकि, लाल सागर के जहाजों को केप ऑफ गुड होप्स की तरफ रीरूट किया जा रहा है. इससे परिवहन के खर्च में बढ़ोत्तरी हुई है.
Red Sea, Crude Oil Supply: सऊदी अरब से कच्चे तेल की अपूर्ती करता है HPCL
भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है. लाल सागर के रूट से भारत रूस सप्लाई का एक बड़ा हिस्सा प्राप्त करता है. 2023 में भारत के कुल कच्चे तेल के आयात में रूसी आपूर्ति 35 फीसदी से अधिक थी, ये प्रति दिन 1.7 मिलियन बैरल थी. HPCL अपनी कच्चे तेल की 44-45 प्रतिशत जरूरतों को सऊदी अरब और इराक जैसी राष्ट्रीय तेल कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर पूरा करती है.जहाजों के रूट बदलने से बीमा लागत बढ़ सकती है और रिफाइनिंग मार्जिन में कमी आ सकती है.
Red Sea Crude Oil Supply: कच्चे तेल की आपूर्ति को किया सीमित, माल ढुलाई की लागत में हो रही वृद्धि
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के नतीजे आने के बाद निवेशकों के साथ बातचीत में पुष्प कुमार जोशी ने कहा, 'एचपीसीएल ने अप्रैल के मध्य तक कच्चे तेल की आपूर्ति को सीमित कर दिया है. उसे आपूर्ति में कोई बाधा नहीं दिख रही है. रूसी जहाज और मालवाहक फिलहाल हमलों का मुख्य लक्ष्य नहीं हैं. हालांकि, स्वेज नहर और लाल सागर के माध्यम से आवागमन के बजाय अफ्रीका के दक्षिणी सिरे के आसपास का मार्ग अपनाने से जहाजों को लंबी यात्राएं करनी पड़ रही हैं, जिससे जहाजों की कमी हो गई है और माल ढुलाई लागत में वृद्धि हो गई है.'
Red Sea, Crude Oil Supply: लाल सागर मार्ग पर होता है 30 फीसदी आयात
नवंबर, 2023 से लाल सागर क्षेत्र मार्ग से जाने वाले जहाजों पर बढ़ते हमलों ने जहाजों को ‘केप ऑफ गुड होप’ के वैकल्पिक लंबे मार्ग पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में देश के निर्यात का 50 प्रतिशत और आयात का 30 प्रतिशत लाल सागर के मार्ग से हुआ है. लाल सागर व्यापारिक मार्ग में संकट तब शुरू हुआ जब यमन स्थित हुती विद्रोहियों ने अक्टूबर, 2023 में शुरू हुए इजरायल-फलस्तीन युद्ध के कारण नवंबर में वहां से गुजरने वाले वाणिज्यिक माल ढुलाई जहाजों पर लगातार हमले किए.