एशिया-यूरोप रूट पर समुद्री हमले बने सिरदर्द, लाल सागर नहीं जाना चाहता कोई जहाज, इन कंपनियों ने रोकी शिपिंग
पिछले कुछ वक्त से समुद्र में जहाज अगवा होने की घटनाओं में इजाफा हुआ है. इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है. जानिए क्यों एशिया-यूरोप रूट पर समुद्री हमले बने सिरदर्द.
इंडियन नेवी के मरीन कमांडोज को सोमालिया में बड़े ऑपरेशन में सफलता मिली है. नौसेना अधिकारियों के मुताबिक अपहृत लाइबेरिया के झंडे वाले जहाज MV लीला नॉरफोक पर सवार 15 भारतीय सहित सभी 21 चालक दल सदस्यों को सुरक्षित निकाल लिया है. 5-6 हथियारबंद लुटेरे जहाज पर चढ़ दए थे. गौरतलब है कि पिछले कुछ वक्त से समुद्र में जहाज अगवा होने की घटनाओं में इजाफा हुआ है. भारतीय नौसेना ने ऐसी वारदातों के बीच उत्तर,मध्य अरब सागर और अदन की खाड़ी में निगरानी बढ़ा दी है. हालांकि, इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है.
एशिया-यूरोप रूट पर पड़ा सबसे ज्यादा असर, लाल सागर नहीं जाना चाह रहे हैं जहाज
हूती विद्रोहियों के हमले और समुद्री लुटेरों द्वारा जहाज को हाइजैक करने का एशिया-यूरोप रूट पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है.लाल सागर एशिया-यूरोप का सबसे तेज जल मार्ग है. हमले के बाद जहाज लाल सागर जाना नहीं चाह रहे हैं. हूती विद्रोहियों के हमलों के कारण फ्रेट रेट तीन गुना बढ़े हैं. नवंबर, 2023 गैलेक्सी लीडर को हूती विद्रोहियों ने अगवा किया था. ये जहाज तुर्किये से भारत आ रहा था. इसमें 25 भारतीय सवार थे. इसके अलावा एमवी केम प्लूटो पर भारतीय समुद्र तट से 400 किमी दूर ड्रोन से हमला किया गया था.
दो कंपनियों ने रोकी शीपिंग, अफ्रीका से किया गया री रूट
लाल सागर रूट पर लगातार हमलों के बाद Maersk और Hapag-Lloyd ने शिपिंग रोकी है. दोनों कंपनी अपने जहाज को अफ्रीका से री-रूट कर रही हैं. हालांकि, अफ्रीका से री-रूट करने में 44 दिन का ट्रैवल कॉस्ट भी बढ़ेगा. ग्लोबल शिपिंग में लाल सागर की 15 फीसदी हिस्सेदारी है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा,'हम नौवहन की स्वतंत्रता,वाणिज्यिक पोतों की मुक्त आवाजाही को बहुत अधिक महत्व देते हैं। यह एक उभरती हुई स्थिति है और हम इसके सभी पहलुओं पर गौर कर रहे हैं.’
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पिछले दिनों कहा था कि वैश्विक समुद्री परिवहन का 12 प्रतिशत, तेल का 18 प्रतिशत और एलएनजी व्यापार का चार-आठ प्रतिशत लाल सागर एवं स्वेज नहर के जरिये संचालित होता है. लाल सागर में जहाजों पर हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में उछाल आया था लेकिन बाद में दरें कम हो गई हैं. पेट्रोल और डीजल की कीमतें अप्रैल, 2022 से ही स्थिर बनी हुई हैं.