Recession in India: कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अब पूरी दुनिया मंदी की आशंका से घिरी हुई है. हालांकि IMF समेत दुनिया की कई शीर्ष एजेंसियों ने कहा कि इन सबके बीच भारत की इकोनॉमी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है. तो क्या इसका मतलब है कि भारत में मंदी का कोई असर नही होने वाला है? KPMG का एक हालिया सर्वे इस बात से पूरी तरह से इत्तेफाक नहीं रखती है. इस सर्वे रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगले 12 महीने में भारत में भी मंदी (Recession in India) आ सकती है. देश के 66 फीसदी CEO ने इसकी आशंका जताई है.

क्या है सर्वे

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केपीएमजी ने हाल ही में किए अपने सर्वे KPMG 2022 India CEO Outlook में भारत के 66 फीसदी CEO ने कहा है कि अगले 12 महीने में देश में मंदी आ सकती है. वहीं दुनिया भर के 86 फीसदी सीईओ ने कहा कि अगले एक साल में दुनिया मंदी (Global Recession) की चपेट में आ सकता है. केपीएमजी के इस सर्वे में दुनिया भर से 1300 से अधिक CEO ने हिस्सा लिया है. 

मंदी को लेकर कर ली तैयारी

सर्वे में भारतीय CEOs ने जहां एक तरफ बताया कि अगले एक साल में देश में मंदी (Recession in India) आ सकती है, लेकिन दूसरी ही तरफ राहत की बात यह है कि उन्होंने कहा कि इसका बहुत ज्यादा असर नहीं होगा. 58 फीसदी CEO ने बताया कि यह मंदी मामूली और बहुत कम समय के लिए होगी. वहीं 55 फीसदी ने कहा कि उन्होंने इसके लिए अपनी तैयारी भी कर ली है.

क्या है पूरी दुनिया में मंदी का हाल

दुनिया भर के 86 फीसदी CEO का मानना है कि अगले एक साल में मंदी (Global Recession) की मार पड़ सकती है. वहीं 71 फीसदी का मानना है कि इस मंदी से कंपनियों की कमाई पर 10 फीसदी तक का असर होगा. वहीं 73 फीसदी का मानना है कि इससे ग्रोथ पर भी असर होगा. हालांकि दुनिया भर के 76 फीसदी CEO ने इसके लिए पहले से अपनी तैयारी कर ली है.