बिकने को तैयार हैं 4.5 लाख रेडी टू मूव फ्लैट, 2 लाख से अधिक को मिला घर का पजेशन
अगर आप भी दिल्ली-NCR या अन्य किसी मेट्रो शहर में मकान या फ्लैट खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. देश के रीयल एस्टेट (Real Estate) सेक्टर में इस वर्ष अप्रैल से सितंबर के बीच 2 लाख से अधिक आवास इकाइयों का पजेशन दिया गया.
अगर आप भी दिल्ली-NCR या अन्य किसी मेट्रो शहर में मकान या फ्लैट खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. देश के रीयल एस्टेट (Real Estate) सेक्टर में इस वर्ष अप्रैल से सितंबर के बीच 2 लाख से अधिक आवास इकाइयों का पजेशन दिया गया. इस कारोबारी साल के शेष आधे भाग में 4 लाख से अधिक नई इकाइयों का पजेशन होने की उम्मीद है. साथ ही 4.52 लाख रेडी-टू-मूव घरों को बाजार में शामिल होने की उम्मीद है.
रीयल एस्टेट सेक्टर के ये आंकड़े प्रॉपटाइगर डॉट कॉम की एक रिपोर्ट में सामने आए हैं. एनालिसिस में शामिल शहर अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नै, गुरुग्राम (भिवाड़ी, धारूहेड़ा और सोहना), हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई (नवी मुंबई और ठाणे), नोएडा (ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे) और पुणे शामिल हैं.
बिक्री में कमी
हालांकि इस साल त्योहारी सीजन की मांग में बिक्री में खास बढ़ोतरी नहीं दिख रही है. चालू कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में देश के प्रमुख शहरों में मकानों की बिक्री पिछले साल से तकरीबन 25 फीसदी घट गई है. पिछले साल के मुकाबले इस साल जुलाई-सितंबर के दौरान नए प्रोजेक्ट में 45 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
नए प्रोजेक्ट घटे
भारत के 9 प्रमुख रीएलटी बाजारों के विश्लेषण पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार, चालू कारोबारी साल की पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में नए प्रोजेक्ट में 32 फीसदी जबकि मकानों की बिक्री में 23 फीसदी की गिरावट आई.
छमाही आधार पर देखें तो पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में जहां 1,70,715 मकानों की बिक्री हुई थी वहां चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 1,51,764 मकानों की बिक्री हुई. इस प्रकार मकानों की बिक्री के मामले में इस साल की पहली छमाही में पिछले साल के मुकाबले 11 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
83,662 फ्लैट लॉन्च
इसी प्रकार, नई इकाइयों की लांचिंग जहां पिछले साल की पहली छमाही में 1,37,146 हुई थीं, वहां चालू वित्त वर्ष के बीते छह महीनों में भारत के नौ बाजारों में सिर्फ 83,662 इकाइयां लांच को लॉन्च किया गया था, जो कि 39 प्रतिशत की गिरावट थी.