RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पारदर्शिता और अनुपालन में सुधार के लिए ‘नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी - पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेट फॉर्म’ (NBFC - P2P Lending Platfrom) के लिए मानदंड कड़े कर दिए. P2P लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स बैंकों या वित्तीय संस्थानों को मध्यस्थ बनाए बिना लोन लेने वालों को सीधे कर्ज देने वालों से जोड़ते हैं.

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आरबीआई के संशोधित मास्टर निर्देश के अनुसार,P2P प्लेटफॉर्म को निवेश उत्पाद के रूप में लोन देने को बढ़ावा नहीं देना चाहिए. इनमें सुनिश्चित न्यूनतम रिटर्न, नकदी विकल्प जैसी सुविधाएं नहीं होनी चाहिए. 

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इसमें यह भी कहा गया कि एनबीएफसी-P2P लेंडिंग प्लेटफॉर्म को किसी ऐसे बीमा उत्पाद की बिक्री के लिए ग्राहकों को लुभाना नहीं चाहिए जिसमें लोन ग्रोथ या लोन गारंटी जैसी विशेषताएं शामिल हैं.

केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि जबतक लोन देने वाले और लोन लेने वाले का मिलान बोर्ड द्वारा अप्रूवल पॉलिसी के अनुसार नहीं हो जाता, तबतक कोई लोन नहीं जारी करना चाहिए.