Gold Reserves क्यों बढ़ा रहा रिजर्व बैंक? केवल जनवरी में खरीदा 8.7 टन सोना
मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम Gold Reserves को लगातार बढ़ा रहे हैं. पिछले कुछ सालों से फॉरन रिजर्व पर विशेष ध्यान है, जिससे भविष्य में किसी भी जोखिम के लिए बफर रहे.
Gold Reserves: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को कहा कि भारत अपनी विदेशी मुद्रा की तैनाती के क्रम में गोल्ड रिजर्व तैयार करने में जुटा हुआ है. दास ने नीतिगत समीक्षा बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम सोने का भंडार बना रहे हैं जो हमारे मुद्रा भंडार नियोजन का एक हिस्सा है.’’ हालांकि, उन्होंने इस भंडार के लिए खरीदे गए सोने की मात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन आधिकारिक आंकड़ों की ओर इशारा किया जो गोल्ड रिजर्व के मूल्य में वृद्धि को दर्शाता है.
जनवरी महीने में 8.7 टन सोना खरीदा
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 22 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का मूल्य 51.48 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक था. यह मार्च, 2023 के अंत के मूल्य से 6.28 अरब अमेरिकी डॉलर अधिक है. हाल ही में आई एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई ने सिर्फ जनवरी महीने में 8.7 टन सोना खरीदा जो दो साल में सबसे अधिक है.
WGC के मुताबिक, 812.3 टन पर पहुंचा गोल्ड रिजर्व
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, केंद्रीय बैंक के पास मौजूद सोना जनवरी के अंत में 812.3 टन तक पहुंच गया जबकि दिसंबर, 2023 में यह 803.58 टन था. पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमत भी तेजी से बढ़ी है. इससे पहले दास ने ऐलान किया कि देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 29 मार्च तक 645.6 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया.
विदेशी मुद्रा भंडार पर विशेष फोकस
आरबीआई गवर्नर ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय बैंक ने पिछले चार-पांच वर्षों में जानबूझकर विदेशी मुद्रा भंडार के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया है ताकि इसका इस्तेमाल भविष्य में किसी भी जोखिम के खिलाफ बफर के रूप में किया जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी मुद्रा के मोर्चे पर केंद्रीय बैंक का दृष्टिकोण राष्ट्रीय बही-खाते को भी मजबूती देता है. दास ने कहा कि रुपया स्थिर होना रिजर्व बैंक के लिए प्राथमिकता है.