रेपो रेट में बढ़ोतरी पर SBI ग्रुप के CEA ने दिया सुझाव, कहा- RBI को फेडरल रिजर्व से अलग रुख अपनाने पर सोचना चाहिए
SBI ग्रुप के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा, आरबीआई को गंभीरता से सोचना चाहिए कि क्या वह ब्याज दर में बढ़ोतरी के मामले में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) के कदम को ''हूबहू'' जारी रख सकता है.
Repo Rate Hike: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ग्रुप के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष (Soumya Kanti Ghosh) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को ब्याज दर में बढ़ोतरी के मामले में एक सुझाव दिया है. घोष कहा कि आरबीआई को गंभीरता से सोचना चाहिए कि क्या वह ब्याज दर में बढ़ोतरी के मामले में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) के कदम को ''हूबहू'' जारी रख सकता है.
भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स (Bharat Chamber of Commerce) द्वारा आयोजित एक प्रोग्राम घोष ने कहा कि उन्हें अल्पावधि में फेडरल रिजर्व के रेट ग्रोथ साइकिल का अंत नहीं दिख रहा है और ऐसे में आरबीआई के लिए अलग सोचने का वक्त है.
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फेडरल रिजर्व के चक्र का जल्द अंत नहीं
उन्होंने कहा, मेरा कहना यह है कि क्या हम फेडरल रिजर्व का हूबहू अनुसरण कर सकते हैं? किसी समय तो हमें रुकने और सोचने की जरूरत है कि क्या पहले की दर वृद्धि (RBI द्वारा) का प्रभाव प्रणाली में कम हो गया है… मुझे नहीं लगता कि फेडरल रिजर्व के चक्र का जल्द ही कोई अंत होगा. वह तीन या इससे अधिक बार दरों में बढ़ोतरी कर सकता है.
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जनवरी में महंगाई दर बढ़ी
देश की मुद्रास्फीति जनवरी 2023 में बढ़कर 6.52% हो गई, जो आरबीआई के सहनशील स्तर 6% से अधिक है. इससे पहले 2022 के 12 महीनों में से 10 महीनों में मुद्रास्फीति 6% से ज्यादा रही थी.
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(भाषा इनपुट के साथ)