2000 note withdrawal: ₹2000 के नोट वापस लेने से इकोनॉमी को मिलेगा बूस्ट, RBI का अनुमान छूट सकता है पीछे
2000 note withdrawal: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का 2,000 रुपये के नोट चलन से वापस लेने का फैसला चालू वित्त वर्ष में खपत को बढ़ावा देकर इकोनॉमिक ग्रोथ रेट को 6.5% से भी आगे ले जाने में मददगार साबित हो सकता है.
2000 note withdrawal: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का 2,000 रुपये के नोट चलन से वापस लेने का फैसला चालू वित्त वर्ष में खपत को बढ़ावा देकर इकोनॉमिक ग्रोथ रेट को 6.5% से भी आगे ले जाने में मददगार साबित हो सकता है. एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया. देश के सबसे बड़े लेंडर्स भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अर्थशास्त्रियों ने एक रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के लिए रियल GDP ग्रोथ 8.1% हो जाएगी और समूचे वित्त वर्ष के लिए 6.5% ग्रोथ का आरबीआई का अनुमान भी पीछे छूट सकता है.
एसबीआई की रिपोर्ट कहती है, हम 2000 रुपये के नोट वापस लेने के प्रभावों की वजह से अप्रैल-जून तिमाही में ग्रोथ रेट 8.1% रहने की उम्मीद करते हैं. यह हमारे उस अनुमान की पुष्टि करता है कि वित्त वर्ष 2023-24 में GDP ग्रोथ आरबीआई के अनुमान 6.5% से अधिक रह सकती है.
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आधे से अधिक नोट आ गए वापस
आरबीआई ने जून महीने की शुरुआत में कहा था कि 2,000 रुपये मूल्य वर्ग के आधे से अधिक नोट वापस आ चुके हैं. इनमें से 85% नोट बैंकों में जमा के रूप में आए थे जबकि 15% नोट बैंक काउंटरों पर अन्य मूल्य के नोट से बदले गए थे. एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2,000 रुपये के नोट के रूप में कुल 3.08 लाख करोड़ रुपये प्रणाली में जमा के रूप में लौटेंगे. इनमें से करीब 92,000 करोड़ रुपये बचत खातों में जमा किए जाएंगे जिसका 60% यानी करीब 55,000 करोड़ रुपये निकासी के बाद लोगों के पास खर्च के लिए पहुंच जाएंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, खपत में तेज बढ़ोतरी की वजह से लंबे समय में यह कुल बढ़ोतरी 1.83 लाख करोड़ रुपये तक रह सकती है.
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खपत मांग में हो सकती है तत्काल बढ़ोतरी
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2000 रुपये के नोट को बंद करने के प्रमुख लाभों में से एक कंजम्पशन डिमांड में तत्काल बढ़ोतरी हो सकती है. एसबीआई के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि नोट वापस लेने के आरबीआई (RBI) के कदम से मंदिरों और अन्य धार्मिक संस्थानों को मिलने वाले दान में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. इसके अलावा सोना, ज्वैलरी, एसी, मोबाइल फोन और रियल एस्टेट जैसे कंज्यूमर डुरेबल्स और बुटीक फर्नीचर की खरीद को भी बढ़ावा मिलेगा. फ्यूल पेमेंट्स और कैश ऑन डिलीवरी में बढ़ोतरी हुई है. ऑनलाइन फूड एग्रीगेटर जोमैटो ने कहा है कि तीन-चौथाई यूजर्स 2,000 रुपये के नोटों के जरिए कैश पेमेंट कर रहे हैं.
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