RBI MPC Outcome: क्या रही पॉजिटिव और निगेटिव बातें? जानें 10 खास पॉइंट्स
RBI MPC Outcome: आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने पुनर्गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सोमवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि एमपीसी ने नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय किया है.
RBI MPC Outcome: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार 10वीं बार नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा. रेपो दर के यथावत रहने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में बदलाव की संभावना कम है.
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने पुनर्गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सोमवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि एमपीसी ने नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय किया है. समिति के छह सदस्यों में से पांच ने नीतिगत दर को यथावत रखने के पक्ष में मतदान किया. इसके साथ ही एमपीसी ने अपने रुख को बदलाव किया और इसे 'न्यूट्रल’ करने का फैसला किया. रेपो वह ब्याज दर है, जिसपर कॉमर्शियल बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं. आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इसका उपयोग करता है.
उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर चुनौतियों के बावजूद देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है. मौजूदा स्थिति पर गौर करने के बाद चालू वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने के अनुमान को कायम रखा गया है.’’ इसके साथ चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत रहने के अनुमान को भी बरकरार रखा गया है.
मॉनेटरी पॉलिसी की 10 बड़ी बातें
- RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, 6.5% पर स्थिर
- MPC के 6 में से 5 सदस्यों का दरें स्थिर रखने के पक्ष में वोट
- MPC ने सर्वसम्मति से पॉलिसी रुख बदलकर 'न्यूट्रल' किया
- दूसरी तिमाही में GDP और महंगाई के अनुमान घटाए
- अनसिक्योर्ड लोन पर कड़ी नजर
- NBFC में अनाप-शनाप ग्रोथ पर जताई चिंता और किया आगाह
- नॉन बिजनेस फ्लोटिंग लोन प्रीपेमेंट पर पेनल्टी नहीं
- FY25 GDP ग्रोथ अनुमान 7.2%, CPI अनुमान 4.5% पर कायम
- Q3, Q4FY25 GDP अनुमान बढ़ाकर 7.4% किए
- Q4FY25 CPI अनुमान 4.3% से घटाकर 4.2%
क्या रही पॉजिटिव और निगेटिव बातें
पॉजिटिव
- मंहगाई लक्ष्य एक बड़ा स्ट्रक्चरल रिफार्म रहा
- RBI ने '" WITHDRAWL OF ACCOMODATION से बदलकर Neutral किया
- पॉलिसी की फ्रैमवर्क ने ग्लोबल टेंशन के समय स्थिती को संतुलित रखा
- मंहगाई मे ग्लोबली कमी देखने को मिली
- घरेलु मैन्युफेक्चरिंग एक्टिविटी मे मजबुती बरकरार
- सरकार के कदमो और Input cost मे कमी से सहारा मिला
- q4fy25 के लिए gdp अनुमान 7.2% से बढ़ाकर 7.4% किया
- Q2FY25 के लिए मंहगाई दर 4.4% से घटाकर 4.1% किया
- रुपए मे उतार चढ़ाव बाकी कंरेसी के मुकाबले कम
निगेटिव
- ग्लोबल चिंताओं पर नजर बनी हुई है
- ग्लोबल चितांओं का असर मंहगाई पर पड़ सकता है
- कच्चे तेल और मेटल के दाम मे उतार चढ़ाव चिंता का विषय