महंगाई की चुनौतियों के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कटौती की संभावना नहीं है. विशेषज्ञों ने यह राय जताई है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के तुरंत बाद मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 5-7 जून के लिए निर्धारित है.  विशेषज्ञों ने कहा कि MPC दर में कटौती से परहेज कर सकती है, क्योंकि आर्थिक वृद्धि जोर पकड़ रही है. रेपो दर फरवरी, 2023 से 6.5 फीसदी पर कायम है.

7 जून को RBI MPC Meeting का होगा ऐलान

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रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली MPC बैठक के फैसले की घोषणा सात जून (शुक्रवार) को की जाएगी. लोकसभा चुनाव के नतीजे चार जून को घोषित किए जाएंगे. यदि सात जून को ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया जाता है, तो यह यथास्थिति बनाए रखने का आठवां मौका होगा.

ग्रोथ सही दिशा में है

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि पिछली नीति के बाद से आर्थिक स्थितियां काफी हद तक अपरिवर्तित बनी हुई हैं. उन्होंने कहा कि पीएमआई और जीएसटी संग्रह जैसे उच्च आवृत्ति संकेतक दिखाते हैं कि वृद्धि सही दिशा में है. उन्होंने आगे कहा कि महंगाई पर चिंता बनी हुई है और गर्मी ने विशेष रूप से सब्जियों की कीमतों को प्रभावित किया है.

रीटेल इंफ्लेशन 4% टारगेट से ऊपर 

उद्योग मंडल एसोचैम के अध्यक्ष संजय नायर ने भी उम्मीद जताई कि आगामी MPC बैठक में रेपो दर को अपरिवर्तित रखने की उम्मीद है, क्योंकि खुदरा महंगाई चार फीसदी के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, महंगाई में कमी आनी शुरू हो गई है, लेकिन सितंबर में मानसून सत्र खत्म होने के बाद ही व्यापक आर्थिक स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.’’

GDP डेटा ने भरोसा मजबूत किया

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि हाल के महंगाई के आंकड़ों और खाद्य वस्तुओं की कीमतों के पूर्वानुमान से लगता है कि यथास्थिति बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़ों ने इस बात की पुष्टि की है.