RBI का दिवाली बोनस: लगातार पांचवीं बार घटाया रेपो रेट, 0.25% कटौती का ऐलान
इससे पहले आरबीआई ने तीन बार फरवरी, अप्रैल और जून पॉलिसी में 0.25-0.25 फीसदी रेपो रेट घटाया था. वहीं, अगस्त की पॉलिसी में रेपो रेट में 0.35 फीसदी की कटौती की गई थी.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने लोगों को दिवाली का बोनस दिया है. आरबीआई ने ब्याज दरें (Repo Rate) में 0.25 फीसदी की कटौती की है. MPC बैठक में रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाकर 5.15 फीसदी करने का फैसला हुआ. RBI की क्रेडिट पॉलिसी की समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 फीसदी घटाने पर सहमति बनी. MPC के 5 सदस्यों ने 0.25 फीसदी की कटौती के पक्ष में वोट किया है.
5वीं बार घटाईं ब्याज दरें
आरबीई ने लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में कटौती की है. आरबीआई के इस फैसले से रेपो रेट 9 साल में सबसे कम है. इससे पहले आरबीआई ने तीन बार फरवरी, अप्रैल और जून पॉलिसी में 0.25-0.25 फीसदी की कटौती की थी. वहीं, अगस्त की पॉलिसी में रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बड़ी कटौती की गई थी.
ग्रोथ के लिए जारी रहेंगे सुधार
आरबीआई के रेपो रेट में कटौती के फैसले से आम लोगों के लिए भी बैंक से कर्ज लेना सस्ता हो जाएगा. मौजूदा लोन पर EMI भी कम होने की उम्मीद है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि महंगाई दर आरबीआई के तय दायरे में है. ऐसे में अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए रेपो रेट में कटौती की गई है. आरबीआई ने साफ किया है कि ग्रोथ को रफ्तार देने के लिए आगे भी जरूरी सुधार जारी रहेंगे.
RBI गवर्नर की बड़ी बातें
- RBI ने इस साल अब तक 1.35 फीसदी कटौती की.
- MPC के सभी सदस्य दरें घटाने के पक्ष में थे.
- अगस्त के बाद ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता बढ़ी.
- कृषि क्षेत्र के हालात बेहतर हुए हैं.
- अगस्त में मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन में सुधार.
- शहरी, ग्रामीण इलाकों से मांग में कमी आई.
- ग्रामीण, शहरी मांग में आगे भी धीमापन जारी रह सकता है.
- अगस्त-सितंबर लिक्विडिटी में कोई दिक्कत नहीं.
- रेट कटौती का फायदा ग्राहकों तक पहुंचने में तेजी आई.
- दरों में कटौती का पूरा फायदा अभी तक नहीं मिला.
- 1.10 फीसदी की कटौती के मुकाबले 0.29 फीसदी का फायदा मिला.
- आरबीआई का एकोमोडेटिव रुख बरकरार.
- Q2 FY20 GDP ग्रोथ लक्ष्य 5.3 फीसदी.
- H2 FY20 GDP ग्रोथ का लक्ष्य 6.6-7.2 फीसदी.
- कमजोर मांग के कारण Q2 GDP पर असर.
- दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों का रेट पर नरम रुख.
पॉलिसी की बड़ी बातें
- RBI ने दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की.
- रेपो रेट 0.25 फीसदी घटकर 5.15 फीसदी हुआ.
- रेपो रेट 5.40 फीसदी से घटाकर 5.15 फीसदी किया.
- रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी घटकर 4.90 फीसदी.
- सीआरआर (CRR) 4 फीसदी पर स्थिर है.
- FY20 GDP ग्रोथ अनुमान घटाकर 6.1 फीसदी किया.
- FY20 GDP ग्रोथ अनुमान 6.9 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी.
- MPC के 5 सदस्य 0.25 फीसदी की कटौती के पक्ष में थे.
- पॉलिसी पर MPC का नरम रुख जारी रहेगा.
क्या होता है रेपो रेट
रेपो रेट वो रेट या ब्याज दर है, जिस पर आरबीआई कमर्शियल और दूसरे बैंकों को लोन देता है. रेपो रेट कम होने का मतलब यह है कि आरबीआई से बैंकों को मिलने वाला लोन सस्ता हो जाएगा. ऐसे में इसका फायदा आम लोगों को भी मिल सकता है. रेपो रेट कम हाने से होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन की ब्याज दरों में भी कमी आती है.