RBI Monetary Policy: एक बार फिर बढ़ सकता है रेपो रेट, 5 अगस्त को क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान
आरबीआई द्वारा रेपो रेट में इजाफा होने से आने वाले वक्त में होम लोन, पर्सनल लोन और वाहन लोन जैसे तमाम तरह के लोन पर ब्याज चुकाना और महंगा हो सकता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 5 अगस्त को सुबह क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान करेगी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक में रेपो रेट में बढ़ोतरी के ऐलान हो सकते है. आरबीआई 5 अगस्त को अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा करने के साथ, केयरएज को उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक वित्त वर्ष 23 के शेष अवधि में नीतिगत ब्याज दर में 100 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि कर सकता है.
यह वित्त वर्ष 23 के अंत तक टर्मिनल रेट को 5.90% तक ले जाएगा. जबकि वर्तमान सीपीआई मुद्रास्फीति अभी भी लगभग 7% है, कई वस्तुओं की कीमतों में कमी को वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही तक कम मुद्रास्फीति प्रक्षेपवक्र की ओर प्रभाव के एक प्रमुख कारक के रूप में जिम्मेदार ठहराया गया है.
5 अगस्त को रेपो रेट में बढ़ोतरी के आसार
इससे पहले भी आरबीआई ने मई और जून में रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी. आरबीआई ने बीती 4 मई और 8 जून को रेपो रेट में इजाफा किया था. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने आम सहमति से रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला किया गया है.
नीतिगत ब्याज दर में 100 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि की उम्मीद
केयरएज की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहां - "कई कमोडिटी की कीमतों में नरमी के साथ, सीपीआई मुद्रास्फीति मौजूदा स्तरों पर व्यापक रूप से चरम पर जा चूका है और Q4FY23 तक 6% से कम नीचे की ओर जाने की उम्मीद है. हालाँकि, घरेलू मुद्रास्फीति अभी भी अधिक है और वैश्विक कमोडिटी की कीमतें भी, हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई दर वृद्धि चक्र के फ्रंट-लोडिंग के साथ जारी रहेगा. हम आगामी नीति में रेपो दर में 50 बीपीएस की वृद्धि और उसके बाद एक और 50-बीपीएस दर वृद्धि की उम्मीद करते हैं जो वित्तीय वर्ष के अंत तक टर्मिनल रेपो दर को 5.90% तक ले जाएगा."
क्या होगा असर?
रेपो रेट बढ़ने का असर आपके होम लोन, कार लोन या अन्य किसी भी लोन पर पड़ेगा. यदि आपका पहले से लोन चल रहा है या आप लोन लेने वाले हैं तो आने वाले दिनों में बैंक की तरफ से ब्याज दर बढ़ने से EMI पहले के मुकाबले ज्यादा जाएगी.
क्या होता है रेपो रेट?
जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर कर्ज मिलेगा. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि की ब्याज दर बढ़ जाएगी, जिससे आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा.