RBI Monetary Policy Live: 4 अक्‍टूबर से 6 अक्‍टूबर के बीच चलने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की मीटिंग के नतीजे आ गए हैं. आरबीआई ने पॉलिसी दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बरकरार रखी गई है. फरवरी से अबतक यह चौथी बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट स्थिर रखे हैं. इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्‍त दास ने महंगाई को लेकर भी राहत देने वाली बात कही है. आरबीआई गवर्नर ने अपनी स्‍पीच में कहा कि सितंबर में महंगाई में कमी आने की उम्‍मीद है. महंगाई की ऊंची दर अर्थव्‍यवस्‍था के लिए खतरा है.

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आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्‍त दास ने कहा कि पॉलिसी का फोकस महंगाई को 4% के लक्ष्‍य तक लाने पर है. जुलाई अगस्‍त में खाद्य पदार्थों के चलते खाद्य महंगाई बढ़ी. ग्रामीण मांग में सुधार देखने को मिल रहा है. छोटी अवधि में टमाटर कीमतों में कमी से महंगाई में कमी संभव है.आरबीआई गवर्नर ने स्‍पीच में कहा कि 2023-24 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.4% बरकरार रहने का अनुमान है, Q2FY24 में CPI अनुमान 6.2% से बढ़ाकर 6.4% कर दिया गया है. Q3FY24 में CPI अनुमान को 5.7% से घटाकर 5.6% किया गया है, Q4FY24 में CPI अनुमान 5.2% पर बरकरार रखा गया है, वहीं Q1FY25 में भी CPI अनुमान 5.2% पर बरकरार रखा गया है. 

क्‍या होती है महंगाई दर

जब किसी देश में वस्तुओं या सेवाओं की कीमतें सामान्य से अधिक हो जाती हैं तो इस स्थिति को महंगाई (Inflation) कहते हैं. इसे जब प्रतिशत में व्यक्त करते हैं तो यह महंगाई दर कहलाती है किसी वस्तु की कीमत एक साल पहले क्या थी और वर्तमान में उसकी कीमत क्या है, इसके अंतर से मुद्रास्फीति का पता चलता है.

बता दें कि आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक हर दो महीने में होती है. वैसे विशेष परिस्थिति में कमिटी कभी भी अपने अचानक लिए फैसले का ऐलान कर सकती है. मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी या एमपीसी, महंगाई के टारगेट को हासिल करने के लिए जरूरी नीतिगत दर यानी रेपो रेट तय करता है.

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