RBI Policy Key Highlights: गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी बड़ी राहत, जानिए अपनी स्पीच में क्या-क्या किए ऐलान
RBI Highlights: आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 6.50% पर बरकरार है. वहीं FY24 में महंगाई दर 4% से ज्यादा रहने का अनुमान है. FY24 में GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर बरकरार है. यहां पढ़ें RBI से जुड़े अपडेट्स.
RBI MPC Meeting: भारतीय केंद्रीय बैंक यानी RBI की MPC मीटिंग की तीन दिनों के बैठक के बाद आज यानि 8 जून को RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनेटरी पॉलिसी पर फैसला सुना दिया है. छह सदस्यों की कमिटी में सभी सदस्यों ने रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला किया है. वहीं पांच सदस्यों ने अकोमेडटिव रुख रखने के पक्ष में फैसला दिया है. इसके अलावा आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 6.50% पर बरकरार है. वहीं FY24 में महंगाई दर 4% से ज्यादा रहने का अनुमान है. FY24 में GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर बरकरार है. यहां पढ़ें RBI से जुड़े अपडेट्स.
RBI Highlights
- रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
- रेपो रेट 6.50% पर बरकरार
- MPC के सभी सदस्य दरें स्थिर रखने के पक्ष में
- MPC के 6 में से 5 सदस्य अकोमोडेटिव रुख वापस लेने के पक्ष में
- MSF दर 6.75% पर बरकरार
- FY24 में महंगाई दर 4% से ज्यादा रहने का अनुमान
- आने वाले महीनों में दरों में बढ़ोतरी का असर दिखेगा
- ~2000 के नोट जमा होने से सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ेगी
- घरेलू मांग ग्रोथ को सपोर्ट करने वाला
- ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है
- आंकड़ों के मुताबिक निवेश में सुधार देखने को मिल रहा है
- अप्रैल में मोटरसाइकिल, टू-व्हीलर बिक्री में तेजी आई
- FY24 में मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां ज्यादा निवेश करेंगी
- कैपेक्स के लिए बेहतर माहौल
- FY24 में GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर बरकरार
- FY24 की पहली तिमाही में रियल GDP ग्रोथ 8% संभव
- FY24 Q1 में रियल GDP ग्रोथ 7.8% से बढ़कर 8% संभव
- FY24 की दूसरी तिमाही में रियल GDP ग्रोथ 6.5% संभव
- FY24 की तीसरी तिमाही में रियल GDP ग्रोथ 6% संभव
- FY24 की चौथी तिमाही में रियल GDP ग्रोथ 5.7% संभव
- FY24 में CPI 5.2% से घटकर 5.1% संभव
- FY24 के Q2 में CPI 5.2% से बढ़कर 5.4% संभव
- FY24 की तीसरी तिमाही में CPI अनुमान 5.4% पर बरकरार
- FY24 की Q4 में CPI अनुमान 5.2% पर बरकरार
- बेहतर लिक्विडिटी को सुनिश्चित करेंगे
- इंपोर्ट घटने से व्यापार घाटे में कमी आई
- इकोनॉमी को सर्विस एक्सपोर्ट, रेमिटेंस से सहारा
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