रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल मंगलवार को संसद की एक समिति के सामने पेश हुए. इस दौरान उन्होंने नोटबंदी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में फंसे कर्ज (NPA) की स्थिति समेत अन्य मामलों के बारे में जानकारी दी. सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी है. आपको बता दें पहले उर्जित पटेल 12 नवंबर को संसदीय समिति के सामने पेश होने वाले थे.

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सरकार से मतभेद

सूत्रों ने जानकारी दी कि संसद की स्थायी समिति के एजेंडे में नवंबर 2016 में पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट को चलन से हटाने, आरबीआई में सुधार, बैंकों में दबाव वाली परिसंपत्तियों और अर्थव्यवस्था की स्थिति सूचीबद्ध है. आरबीआई गवर्नर समिति के सामने ऐसे समय में पेश हो रहे हैं जब केंद्रीय बैंक और वित्त मंत्रालय के बीच कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद चल रहे हैं. इन मुद्दों में आरबीआई के पास पड़े आरक्षित कोष का उचित आकार क्या हो और लघु एवं मझोले उद्यमों के लिए कर्ज के नियमों में ढील के मामले शामिल हैं.

समिति में कौन हैं शामिल?

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री एम वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय समिति के सदस्य हैं. दूसरी तरफ वैश्विक स्तर पर काम करने वाली एक वित्तीय कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आरबीआई के पास इस समय 'आवश्यकता से अधिक आरक्षित धन' है. ऐसे धन की पहचान के लिए गठित की जाने वाली विशेष समिति ने सिफारिश की तो केंद्रीय बैंक सरकार को एक लाख करोड़ रुपये तक की राशि सरकार को हस्तांतरित करने की स्थिति में है.