Rupee Dollar Rate: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को देश की इकोनॉमिक सेहत को लेकर कहा कि दूसरे देशों के मुकाबले भारत का रुपया बेहतर स्थिति में हैं. दास ने इमर्जिंग मार्केट के अन्य देशों और एडवांस इकोनॉमी वाले देशों से तुलना करते हुए कहा कि भारतीय रुपया (Rupee vs Dollar) अपेक्षाकृत अच्छी पकड़ बना रहा है. हाल ही में डॉलर के मुकाबले घलेलू मुद्रा 80 के रिकॉर्ड लेवल को पार कर गया है, जिस पर दास ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपये में उतार-चढ़ाव को लेकर जीरो टॉलरेंस रखता है और कहा कि केंद्रीय बैंक स्थिति को बेहतर करने के लिए काम किया है.

RBI ने उठाए ये कदम

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दास ने बताया कि RBI मार्केट में लिक्विडिटी को बनाए रखने के लिए बाजार में अमेरिकी डॉलर (Dollar rate today) की सप्लाई कर रहा है और यह भी स्पष्ट किया कि केंद्रीय बैंक (RBI) करेंसी के लिए किसी विशेष लेवल को टार्गेट नहीं कर रहा है. विदेशी उधार पर उन्होंने कहा कि इसे लेकर अनहेज्ड एक्सपोजर से घबराने की जरूरत नहीं है. इस तरह के बड़े पैमाने पर राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियां और जरूरत पड़ने पर सरकार मदद कर सकती है.

Zee Business Hindi Live यहां देखें

 

गोल पोस्ट नहीं बदलना है

आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) ने कहा कि, 2016 में लॉन्च होने के बाद से मुद्रास्फीति टार्गेटिंग फ्रेमवर्क (inflation targeting framework) ने अच्छी तरह से काम किया है और कहा कि इसे अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र के हित में जारी रखना चाहिए. 

दास ने कहा, "हमें तत्काल आवश्यकताओं के अनुरूप गोल पोस्ट को नहीं बदलना चाहिए."

बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने यह भी कहा कि आयातित मुद्रास्फीति (Imported Inflation) एक चुनौती है क्योंकि भारत वस्तुओं का एक प्रमुख आयातक (Importer) है.