देश में महंगाई और गिरते रुपये के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था दूसरे देशों के मुकाबले कहीं बेहतर स्थिति में है, रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को FICCI बैंकिंग एन्क्लेव में यह बात कही. उन्होंने कहा कि "दुनिया के अनिश्चित माहौल में भी भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर है. देश में शहरी मांग लगातार कायम है. FMCG सेक्टर में मांग भी बनी हुई है. कीमतों में स्थिरता और ग्रोथ दोनों पर साथ-साथ फोकस है." महंगाई की चिंताओं को लेकर उन्होंने भरोसा दिलाया कि "RBI का महंगाई पर उसी तरह फोकस जैसे अर्जुन का महाभारत में मछली की आँख पर था."

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पिछले महीने महंगाई पर आए हुए आंकड़े फिर आरबीआई के टारगेट के ऊपर आए हैं. इसपर मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी को सरकार को जवाब देना है. इसपर उन्होंने कहा कि "MPC की पूरी प्रक्रिया बहुत पारदर्शी है. हम सरकार को मंहगाई बढ़ने पर नियम के मुताबिक लिखित जवाब देंगे. हम अभी यह जानकारी पब्लिक नहीं कर सकते."  

उन्होंने बताया कि "मंहगाई के लक्ष्य को लेकर सरकार के साथ और आरबीआई में काफी चर्चा हुई फिर टारगेट नोटिफाई हुआ. हाल के महीनों में रेगुलेटरी बदलाव पर कई ऐलान हुए हैं."

पहले क्यों नहीं बढ़ाया रेपो रेट

गवर्नर ने कहा कि "दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले भारत बहुत अच्छी स्थिति में है. अगर पहले ही दरें बढ़ाते तो शायद आज इकॉनोमी इतनी बेहतर स्थिति में न होती. आज मंहगाई को लेकर चर्चा है लेकिन हम रिकवरी को सपोर्ट नहीं कर पाते."

उन्होंने कहा कि "यूक्रेन युद्ध की वजह से जो मंहगाई की दिक्कतें बढ़ीं उसे भी समझा जाना चाहिए. यूक्रेन युद्ध सबके लिए बड़ा झटका था. अगर हम पहले से ही दरें बढ़ा देते तो देश को काफी कीमत चुकानी पड़ती. हमें उमीद है कि आगे मंहगाई दर में कमी दिखेगी."

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