RBI Extented interest subsidy scheme: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने MSME एक्सपोर्टर्स के लिए एक्सपोर्ट से पहले और बाद में कैश में लिए जाने वाले लोन पर इंट्रस्ट इक्वेलाइजेशन स्कीम (Interest Equalisation Scheme) की समयसीमा को मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया है. सरकार का इस समयसीमा को बढ़ाने का एक ही मकस्द है. सरकार एक्सपोर्ट को काफी तेजी से बढ़ाना चाहती है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल एक्सपोर्टर्स को ब्याज समानीकरण योजना के तहत सब्सिडी प्रदान की जाती है. बीते साल इस योजना की डेडलाइन भी बढ़ा दी गई थी. रिजर्व बैंक ने कहा कि, 'विशेष श्रेणी के एमएसएमई विनिर्माता निर्यातकों के लिए योजना के तहत ब्याज समानीकरण दरों को संशोधित कर 2% और 3% कर दिया गया है.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

अधिसूचना के मुताबिक, सरकार ने रुपया मूल्य में निर्यात से पहले और बाद के लोन पर ब्याज समानीकरण योजना को 31 मार्च, 2024 तक या अगली समीक्षा तक, जो भी पहले हो बढ़ाने का फैसला किया है. यह विस्तार 1 अक्टूबर, 2021 से शुरू होकर 31 मार्च, 2024 तक लागू रहेगा.

किन पर नहीं लागू होगी ये योजना

यह योजना सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत फायदा प्राप्त करने वाले दूरसंचार उपकरणों और संस्थाओं पर लागू नहीं होगी. RBI के मुताबिक, 'एक्सपोर्ट को अनुमोदन जारी करते समय बैंक को प्रचलित इंट्रस्ट रेट, प्रदान की जा रही ब्याज सबवेंशन और प्रत्येक निर्यातक से वसूल की जा रही शुद्ध दर प्रस्तुत करनी होगी, ताकि योजना के संचालन में पारदर्शिता और अधिक जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके.