आर्थिक मोर्चे और शेयर बाजार में कंपनियों के दूसरी तिमाही के सुस्त प्रदर्शन के बाद आगे अच्छी खबरें आ सकती हैं. ऐसा केंद्रीय रिजर्व बैंक की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है. भारतीय अर्थव्यवस्था सितंबर तिमाही में आई सुस्ती से उबर रही है और इसे मजबूत त्योहारी गतिविधियों तथा ग्रामीण मांग में लगातार उछाल से समर्थन मिल रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिसंबर के बुलेटिन में प्रकाशित ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ पर एक लेख में यह जानकारी दी गई है. 

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लेख में कहा गया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था स्थिर वृद्धि और नरम मुद्रास्फीति के साथ जुझारूपन दिखा रही है. इसके मुताबिक, ‘‘2024-25 की तीसरी तिमाही के लिए महत्वपूर्ण आंकड़े (एचएफआई) बताते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था दूसरी तिमाही में देखी गई सुस्ती से उबर रही है, जो मजबूत त्योहारी गतिविधियों और ग्रामीण मांग में लगातार उछाल के कारण है.’’ 

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा के नेतृत्व वाली एक टीम के इस लेख में कहा गया है कि रबी की बुवाई में तेजी के साथ कृषि की संभावनाएं बेहतर हुई हैं, इसलिए ग्रामीण खपत में भी सुधार की उम्मीद है. चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई है. 

आरबीआई ने कहा कि लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखकों के हैं और ये केंद्रीय बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.