रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने भारत और चीन की अर्थव्यवस्था के बीच मुकाबले को लेकर फिर से अपनी राय रखी है. दावोस में जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum Summit at Davos) में एक प्रेस कॉन्फेंस में पूर्व गवर्नर ने कहा कि वर्तमान ग्लोबल इकोनॉमिक सिचुएशन को देखते हुए यह सोचना कि भारत  चीन की जगह ले लेगा, यह अपरिपक्वता होगी. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि आगे चलकर स्थिति बदल भी सकती है. राजन ने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था में थोड़ा भी सुधार होने से ग्लोबल ग्रोथ की संभावनाओं को बल मिलेगा.

चीन में स्थिति सुधरने से ग्लोबल इकोनॉमी में होगा सुधार

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने कहा कि अब भी 12 महीने बाकी हैं और इस दौरान चीन की स्थिति का सुधरना अच्छी बात होगी. उन्होंने कहा, 'चीन इस समय महामारी का सामना कर रहा है और इस साल मार्च-अप्रैल तक उसकी स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है. अगर उसके मैन्युफैक्चरिंग में सुधार होता है तो उससे बाहर भी कीमतें कम हो सकती हैं.'

चीन के सामने छोटी है अभी इंडियन इकोनॉमी

भारत के बारे में पूछे जाने पर राजन ने कहा, 'यह तर्क अपरिपक्व है कि भारत चीन की जगह ले लेगा. इसकी वजह यह है कि भारत की अर्थव्यवस्था चीन की तुलना में अभी बहुत छोटी है.' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'लेकिन समय बीतने के साथ स्थिति बदल भी सकती है. भारत पहले से ही दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह अपनी वृद्धि जारी रख सकता है.'

यूक्रेन क्राइसिस समाप्त होने से हालात बेहतर होंगे

राजन ने कहा कि मौजूदा समय में नीति-निर्माताओं की नजरें श्रम बाजार के अलावा आवासीय क्षेत्र पर टिकी हुई हैं. उन्होंने अमेरिका का जिक्र करते हुए कहा कि वहां घरों की बिक्री नहीं होने पर भी कीमतें नहीं गिर रही हैं. उन्होंने कहा, 'क्या सब निराशाजनक ही है. शायद नहीं, अगर पुतिन युद्ध खत्म करने का फैसला कर लेते हैं तो निश्चित रूप से हालात सुधरेंगे.'

(भाषा इनपुट के साथ)

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें