Real estate: गैर-मेट्रो शहरों में रीयल एस्टेट (Real estate) क्षेत्र को बढ़ावा देने और उसकी वृद्धि के लिए खाका तैयार करने के उद्देश्य से रीयल एस्टेट कंपनियों का संगठन क्रेडाई (Credai) नया रायपुर (New Raipur) में ‘न्यू इंडिया समिट 2020’ के तीसरे संस्करण का आयोजन करेगा. इस दौरान, घर खरीदारों के लिए एक ऐप पेश किया जाएगा. सम्मेलन का आयोजन 15-16 फरवरी को किया जाएगा.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्रेडाई ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य गैर-महानगरीय शहरों में रीयल एस्टेट डेवलपरों (Real estate developer) की चुनौतियों और बाधाओं को दूर करने और रीयल्टी क्षेत्र में तेज वृद्धि के लिए उपयुक्त समाधानों तलाशने के लिए विचार-विमर्श करना है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, इस सम्मेलन में देशभर से 700 से अधिक डेवलपर्स के भाग लेने की संभावना है.

कॉन्फेडरेशन ऑफ रीयल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (Credai) सम्मेलन में क्रेडाई आवास ऐप को लॉन्च करेगा. इससे रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी को खरीदने की प्रक्रिया आसान हो सकेगी. इससे खरीदार पसंदीदा परियोजना को पहचान कर सकेंगे और सीधे डेवलपर से संपर्क कर सकेंगे.

क्रेडाई नेशनल के चेयरमैन जैक्से शाह ने कहा कि रीयल एस्टेट क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख उत्प्रेरक होने के नाते, वर्तमान में विकास के मामले में क्रांति के लिए तैयार है. हमें उम्मीद है कि इस नई क्रांति का नेतृत्व देश के गैर-मेट्रो शहरों द्वारा किया जाएगा.

ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:

दिवाला कानून में संशोधन का विरोध

घर खरीदारों के संगठन एफपीसीई (FPCI) ने संसद (Parliament) की वित्त संबंधी स्थायी समिति को पत्र लिखकर दिवाला एवं रिणशोधन अक्षमता कानून में किये जा रहे संशोधन का विरोध किया है. यह संशोधन गड़बड़ी करने वाले बिल्डरों के खिलाफ एनसीएलटी में शिकायत करने के लिये घर खरीदारों की न्यूनतम सीमा तय करने को लेकर किया जा रहा है. घर खरीदारों के संगठन ‘फोरम फार पीपुल्स कलेक्टिव एफट्र्स (एफपीसीई) ने वित्त संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा को इस संबंध में पत्र लिखा है.