Expert on RBI Governor MPC announcement: RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने बुधवार को मॉनेटरी पॉलिसी का एलान किया. गवर्नर ने रेपो रेट को 35 बेसिस प्‍वाइंट बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दिया है. साथ ही वित्‍त वर्ष 2023 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है. उन्‍होंने महंगाई को लेकर चिंता जताई और कहा कि अगले चार महीने महंगाई 4 फीसदी से ज्‍यादा बनी रह सकती है. आरबीआई गवर्नर की कमेंट्री देखें तो आरबीआई गवर्नर ज्‍यादा सावधान नजर आ रहे हैं. आखिर ऐसा क्‍यों हैं? मॉनेटरी पॉलिसी पर ओएस्टर कैपिटल के अतुल जोशी ने अपनी राय दी है. 

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अतुल जोशी का कहना है, निश्चित तौर पर आरबीआई गवर्नर जरूरत से ज्‍यादा सावधान नजर आ रहे हैं. क्‍योंकि, उन्‍होंने जो बातें कहीं, उसमें कन्सिस्‍टेंसी नजर नहीं आ रही है. 2022-23 की तीसरी और चौथी तिमाही के लिए उन्‍होंने जो अनुमान दिए हैं, उसमें देखिए कि उन्‍होंने पिछली पॉलिसी में जो अनुमान दिए थे, उसमें 20-20 बेसिस प्‍वाइंट घटाए हैं. मार्च तिमाही जो खत्‍म होगी, उसके लिए उन्‍होंने 4.2 फीसदी कहा है. लेकिन, उसके बाद की जो तिमाही है (2023-24) की, उसके लिए लगभग 300 बेसिस प्‍वाइंट की जीडीपी बढ़ाई है. ये जो वॉलेटिलिटी है, वो समझ में नहीं आ रही है. साथ ही कन्सिसटेंस भी नहीं है. उन्‍होंने 4.2 से 7.1 कहा है. इसके पीछे कुछ वजह हो सकती है लेकिन उसके बाद उन्‍होंने फिर उसकी अगली तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 125 बेसिस प्‍वाइंट घटा दी. इस तरह, गवर्नर जीडीपी में वॉलेटिलिटी की बात कर रहे हैं, वो समझ नहीं आ रही है. 

महंगाई में नरमी क्‍यों आई? 

अतुल जोशी ने कहा, ''गवर्नर साहब महंगाई को लेकर जो बात कर रहे हैं, उसे देखना अहम है. उन्‍होंने Q2FY24 (जुलाई से सितंबर 2023) के महंगाई के अनुमान में 40 बेसिस प्‍वाइंट बढ़ाकर 5.4 फीसदी रखा है. यानी, महंगाई घट रही फिर अचानक बढ़ रही है, इसी तरह जीडीपी घट रही है, फिर अचानक बढ़ने लग रही है. इस तरह की वॉलेटिलिटी समझ में नहीं आ रही है.'' दूसरी बात कि आरबीआई गवर्नर ये कह दिया कि हम ब्‍याज दर आगे भी बढ़ाने वाले हैं. उन्‍होंने यह साफ-साफ बोल दिया. अब यहां सवाल यह है कि उन्‍होंने अब तक जो दरें बढ़ाईं, क्‍या उससे महंगाई कम हुई है या जो ग्‍लोबल फैक्‍टर थे, उससे कम हुई? ये आरबीआई को सोचना चाहिए.

किस वजह से बढ़ रही है क्रेडिट ग्रोथ?

जोशी कहते हैं, ''आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हमारी क्रेडिट ग्रोथ बढ़ रही है. हमें इसे एनालाइज करने की जरूरत है कि ये क्रेडिट ग्रोथ कहां बढ़ रही है. पर्सनल लोन की क्रेडिट ग्रोथ बढ़ रही है. 3 लाख करोड़ की पर्सनल लोन बढ़ी है. एनबीएफसी की लोन बढ़ी है. ट्रैवल-टूरिज्‍म में भी लोन ग्रोथ बढ़ी है. बाकी, इंडस्‍ट्री की लोन में ज्‍यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है.'' 

जोशी ने कहा, ''मेरे ख्‍याल से आरबीआई गवर्नर ने जो कहा कि हमारी पॉलिसी में जीडीपी ग्रोथ को सपोर्ट करना है, वो कहीं नहीं दिख रहा है. न उनके स्‍टेटमेंट में दिख रहा है, न उनकी बातचीत में दिख रहा है और न ही उनके एक्‍शन में दिख रहा है. मेरे ख्‍याल से वो जीडीपी भूल चुके हैं और इसका जो असर हमारी जीडीपी पर होगा, वो काफी निगेटिव होगा.''